अलीगढ़ में सड़कों पर नहीं, अब चारदीवारी में होगा कचरा, जानें विस्तार से
अलीगढ़ में अब सड़कों पर लगे कूड़े के ढेर आने वाले दिनों में नजर नहीं आएंगे। इसके लिए ठोस योजना बना चुका नगर निगम इसे जमीन पर उतारने की तैयारी में है। कलेक्शन प्वाइंट पर लगने वाला कूड़े का ढेर चारदीवारी में होगा।।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। सड़कों पर लगे कूड़े के ढेर आने वाले दिनों में नजर नहीं आएंगे। इसके लिए ठोस योजना बना चुका नगर निगम इसे जमीन पर उतारने की तैयारी में है। कलेक्शन प्वाइंट (डलाबघर) पर लगने वाला कूड़े का ढेर चारदीवारी में होगा, जो नजर नहीं आएगा। कुछ जगह ये बन चुके हैं, बाकी स्थानों पर बनाए जाने हैं। यही नहीं, आबादी वाले इलाकों से डलाबघर खत्म करने की योजना भी नगर निगम अधिकारी बना रहे हैं। ऐसा हुआ तो कूड़ा निस्तारण भी नगर निगम के लिए आसान होगा।
यह है नगर निगम की कार्यप्रणाली
शहर में प्रतिदिन 450 मीट्रिक टन कूड़ा निकलता है। ये कूड़ा एटूजेड कंपनी के वाहन डलाबघरों से उठाकर मथुरा रोड स्थित प्लांट में निस्तारण के लिए ले जाते हैं। नगर निगम ने 84 डलाबघर स्थापित किए थे, जो दो साल में बढ़कर 108 हो गए हैं। इन्हीं डलाबघरों पर क्षेत्र का कूड़ा डाला जाता है। नगर निगम ने डलाबघरों का सर्वे भी कराया था। तब पता चला कि डलाबघर 84 से बढ़कर 108 हो गए हैं। इनमें कुछ अघोषित हैं, तो कुछ निगम द्वारा बढ़ाए गए हैं। कई आबादी वाले इलाकों में हैं। जबकि, 2019 में आबादी वाले इलाकों से डलावघर हटाने का निर्णय लिया गया था। ऐसे डलावघर दिखवाए भी गए, जो आबादी में हैं। इन्हें हटाकर कहीं और शिफ्ट करने पर की योजना भी थी। लेकिन, विभागीय अधिकारी इस दिशा में आगे न बढ़ सके। तब से वही स्थिति बनी हुई है। डलाबघर से वे इलाके प्रभावित हैं जहां चार पहिया वाहन मुश्किल से निकल पाते हैं। कूड़ा उठाने के लिए प्रतिदिन जेसीबी और ट्रैक्टर-ट्राली पहुंचते हैं, इससे हर रोज जाम लगता है। आबादी वाले इलाकों से डलाबघर खत्म होने से बड़ी राहत मिलेगी। वहीं, पक्के डलाबघर बनने से गंदगी नहीं फैलेगी। राहगीरों को परेशानी नहीं होगी। पक्के डलाबघरों से सुबह साढ़े दस बजे तक कूड़ा उठा लिया जाएगा।