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Janani Shishu Suraksha Yojana : महिला मरीजों के भोजन में घपले पर कार्रवाई अब तक नहीं, एडी हेल्‍थ ने की थी जांच

Janani Shishu Suraksha Yojana 15 दिन पहले एडी हेल्‍थ ने महिला मरीज व तीमारदार को परोसे जाने वाले भोजन में घपले का पर्दाफाश किया था जिसकी जांच अभी तक ठंडे बस्‍ते में है। अनुबंध समाप्त होने के चार महीने बाद भी वही ठेकेदार खाना बनवा रहा है।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Mon, 08 Aug 2022 04:23 PM (IST)Updated: Mon, 08 Aug 2022 04:23 PM (IST)
Janani Shishu Suraksha Yojana : महिला मरीजों के भोजन में घपले पर कार्रवाई अब तक नहीं, एडी हेल्‍थ ने की थी जांच
महिला मरीज व तीमारदार को परोसे जाने वाले भोजन में घपले की जांच ठंडे बस्‍ते में चली गयी।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता। Janani Shishu Suraksha Yojana : जननी शिशु सुरक्षा योजना के अंतर्गत महिला मरीज व तीमारदार को परोसे जाने वाले भोजन में घपले का पर्दाफाश एडी हेल्थ डा. वीके सिंह ने पंद्रह दिन पहले किया था, लेकिन उसकी जांच अब ठंडे बस्ते में हैं। उन्हें औचक निरीक्षण के दौरान Mohanlal Gautam District Women's Hospital के रिकार्ड में 58 मरीज पंजीकृत मिले थे।

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नियमानुसार जितने मरीज उतने ही तीमारदारों के लिए भोजन बनना चाहिए। इस हिसाब से 116 लोगों के लिए खाना बनवाना चाहिए था। लेकिन, रसोई में 40 लोगों के लिए ही खाना बना था। मजे की बात तो यह थी कि अनुबंध समाप्त होने के चार महीने बाद भी वही ठेकेदार खाना बनवा रहा है। नया टेंडर तो अभी तक निकाला ही नहीं गया है। दोनों मामलों पर एडी नाराज हुए। उच्चाधिकारियों को जांच रिपोर्ट भेजी और पृथक जांच की बात कही। लेकिन, न कोई कार्रवाई हुई और न अब तक जांच समिति बनाई गई। इससे सवाल उठने लगे हैं।

AD Health Dr. VK Singh ने मंडलीय सर्विलांस अधिकारी डा. देवेंद्र कुमार के साथ 21 जुलाई को अस्पताल का निरीक्षण किया था। इसकी रिपोर्ट 22 जुलाई को निदेशालय भेज दी गई। इसमें रसोइया के हवाले से बताया कि ठेकेदार ने 50 मरीज-तीमारदारों के लिए भोजन बनाने को कहा था, लेकिन 55 के लिए बनाया गया है। जांच की गई तो करीब 7.5 किलोग्राम, लौकी की सब्जी तीन किलोग्राम, चावल दो किलोग्राम व 160 रोटी पाई गईं। यह 40 लोगों के खाने के लिए ही पर्याप्त थीं।

नर्सिंग स्टाफ राजेंद्र चौधरी ने बताया कि 58 मरीजों का खाना बनवाया है। वार्ड में भर्ती मरीजों ने भी खाने को लेकर शिकायत की थी। तीमारदारों ने नाश्ता या भोजन न मिलने की जानकारी दी थी। इस पर वहीं मौजूद ठेकेदार डालचंद व सीएमएस डा. रेनू शर्मा कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए थे। अपर निदेशक ने डाइट से संबंधित आदेश, बिल वाउचर व टेंडर की कापी मांगी गई। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन का अनुबंध दिखाया जो समाप्त हो चुका था। स्टेट का अनुबंध या टेंडर से जुड़े अभिलेख तक नहीं दिखा सके। रिपोर्ट में प्रथम दृष्टया स्पष्ट किया कि एनएमएस व स्टेट बजट के अंतर्गत धनराशि का दुरुपयोग-गबन करते हुए ठेकेदार को लाभ पहुंचाया, जो वित्तीय श्रेणी में आता है।

इनका कहना है

निरीक्षण के दौरान ठेकेदार ने रजिस्टर में दर्ज विवरण के सापेक्ष कम भोजन बनाया था। अनुबंध भी समाप्त था। उच्चाधिकारियों की रिपोर्ट भेज दी है। शीघ्र ही पृथक से जांच कराई जाएगी। सीएमओ को निर्देशित किया जाएगा कि वह तत्काल नए सिरे से टेंडर निकालें।

- डा. वीके सिंह, अपर निदेशक, चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग।

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नया टेंडर न होने के कारण पुराने ठेकेदार को ही भोजन तैयार कराने की जिम्मेदारी जारी रखने को कह दिया गया था। नया टेंडर निकालने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

- डा. नीरज त्यागी, सीएमओ।

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भोजन वितरण में कोई अनियमितता नहीं है। समस्त अभिलेख उपलब्ध करा दिए हैं। एडी हेल्थ के समक्ष अपना पक्ष रख दिया है।

- डाल चंद, ठेकेदार


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