Aligarh News: यूपी से भागने की फिराक में था PFI की राजनीतिक विंग का प्रदेश अध्यक्ष, WhatsApp chats भी मिटाए, STF की पूछताछ के बाद भेजा जेल
स्पेशल टास्क फोर्स (STF) द्वारा गिरफ्तार किए गए पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (PFI) की राजनीतिक विंग सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी आफ इंडिया (एसडीपीआइ) के प्रदेशाध्यक्ष निजामुद्दीन को बुधवार को पुलिस ने जेल भेज दिया। उससे देर रात तक पूछताछ की गई।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। स्पेशल टास्क फोर्स (STF) द्वारा गिरफ्तार किए गए पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (PFI) की राजनीतिक विंग सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी आफ इंडिया (एसडीपीआइ) के प्रदेशाध्यक्ष निजामुद्दीन को बुधवार को पुलिस ने जेल भेज दिया। उससे देर रात तक पूछताछ की गई। इसमें अहम जानकारी मिली है। देश भर में पीएफआइ के पदाधिकारियों पर हुई कार्रवाई को देखते हुए निजामुद्दीन उत्तर प्रदेश से भागने की फिराक में था। उसने वाट्सएप चैट भी मिटा दिए थे। आरएसएस RSS के नागपुर स्थित मुख्यालय में मुस्लिम विचार मंच की बैठक में भी वह शामिल हुआ था। इस दौरान आरएसएस RSS के वरिष्ठ प्रचारक इंद्रेश कुमार से मुलाकात हुई थी। लेकिन, वहां की विचारधारा से संतुष्ट नहीं था।
अधिक लोगों से संपर्क नहीं रखता था PFI पदाधिकारी
एसटीएफ STF ने क्वार्सी थाना इलाके के धौर्रा माफी निवासी डा. अफरोज के मकान में रह रहे 54 वर्षीय निजामुद्दीन खान को बुधवार रात गिरफ्तार किया था। वह मूलरूप से बलरामपुर के थाना पचमेड़वा, तहसील तुलसीपुर के 139, परसा बुजुवा का रहने वाला है। यहां कई साल से परिवार के साथ रह रहा था। बलरामपुर में वह अपने को दिल्ली में रहना बताता था। अलीगढ़ में अधिक लोगों से उसका संपर्क भी नहीं था। क्वार्सी थाने में एसटीएफ ने निजामुद्दीन से मंगलवार देर रात तक गहन पूछताछ की। इसके खिलाफ क्वार्सी थाने में धारा 120 बी, 295ए, 109, 201 आइपीसी और 13ए बी गैर कानून गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया है।
प्रदेश में कई जगह PFI पदाधिकारी कर चुका है भ्रमण
STF द्वारा दर्ज कराई रिपोर्ट में निजामुद्दीन के हवाले से लिखा गया है कि वह प्रदेश में कई जगह भ्रमण कर चुका है। एसडीपीआई व पीएफआइ के लिए वह युवाओं को मतदाता व दान दाताओं को पार्टी की आइडियोलोजी के आधार पर जोड़ता है। पीएफआइ से वह सक्रिय रूप से 2016 से जुड़ा था। प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर भ्रमण कर नव युवकों, दलित सिखों, एससी-एसटी व पिछड़ा वर्ग के व्यक्तियों को संविधान खतरे में कहकर भड़काता था।
संगठन से मिलता था वेतन
वर्तमान सरकार किसान दलित, अल्पसंख्यक विरोधी है, का प्रचार करता था। ताकि अनुसूचित रूप से राजनीतिक लाभ प्राप्त कर सके। एससी- एसटी, ओबीसी, मुस्लिम को सामान्य वर्ग के लोगों के प्रति द्वेष फैलाने व अपनी कट्टरपंथी व्यक्तियों को सरकार के सिस्टम में स्थापित करने का प्रयास पार्टी की विचारधारा के अनुसार कर रहा था। इस काम के लिए संगठन से वेतन मिलता था।
यह मिलता था संगठन से
निजामुद्दीन को वेतन के रूप में 27 हजार रुपये प्रति माह संगठन से मिलता था। बस, ट्रेन व वायुयान से आने जाने के लिए भत्ते के रूप में पेटीएम खाता 9838539265 के माध्यम से भुगतान करती थी। कुछ दिनों से राज्य व केंद्रीय एजेंसी द्वारा पीएफआइ के एंटीनेशनल गतिविधियों से जुड़े सदस्यों को गिरफ्तार करने के चलते उसने तथ्यों को छुपाने के लिए वाट्सएप चैट व अन्य सामग्री को मिटा दिया था।
2012 में गया था नागपुर
निजामुद्दीन 2012 में नागपुर गया था। जहां उसने आरएसएस के वरिष्ठ प्रचारक इंद्रेश कुमार से मुलाकात की। मुस्लिमों के प्रति विचारधारा पर विचार-विमर्श भी किया था, जिससे वह असंतुष्ट था। एसटीएफ का कहना है कि इसी विचारधार के खिलाफ वह काम कर रहा था।
...ताकि सरकार शर्तों पर चले
निजामुद्दीन पूर्व में बसपा और जनता दल से भी जुड़ा रहा। इसके बाद नेशनल उलेमा काउंसिल का प्रदेश अध्यक्ष व राष्ट्रीय प्रवक्ता भी रहा। एसटीएफ ने एफआइआर में निजामुदद्दीन के हवाले से कहा कि 2016 से एसडीएफआइ की आड़ में PFI के संविधान विरोधी कार्यों को वह कर रहा था। ताकि, शर्तों पर सरकार चले। जैसा कि किसान आंदोलन में हुआ। उस आंदोलन में भी वह शामिल हुआ। इसके फोटो भी उसके मोबाइल व वाट्सएप पर मिले हैं।
NIA व BJP के खिलाफ भडकाऊ सामग्री
निजामुद्दीन वाट्सएप पर 23 विभिन्न ग्रुपों से जुड़ा हुआ था। जांच में पाया गया कि इसने केंद्रीय सुरक्षा एजेंसी, सत्ताधारी पार्टी यानि भाजपा के प्रति द्वेषपूर्ण सामग्री व भड़काऊ सामग्री का आदान-प्रदान भी किया है।
ये सामान हुआ बरामद
एसटीएफ ने निजामुद्दीन से एसडीपीआइ के विभिन्न प्रपत्र, संगठन के व्यक्तियों की सूची व पद, संगठन की नीतियों से जुड़े दस्तावेज, कार्यक्रम की पत्रिका, उर्दू, हिंदी, अंग्रेजी में लिखी पत्रिका, इस्लाम रिसर्च सेंटर की किताब, अनुच्छेद 341 पर हस्तलिखित लेख, पेपर कटिंग, हिंदी व उर्दू में सेक्युलरिज्म की परिभाषा, उप्र व दिल्ली में मीटिंग के सबूत।