Hathras Case :Hathras Case : निर्भया की वकील सीमा ने वकालतनामा पर कराए हस्ताक्षर, एसपी सिंह ने समझा मामला, बताया ऑनर किलिंग
उत्तर प्रदेश के जनपद हाथरस के गांव बूलगढ़ी प्रकरण को लेकर निर्भया केस के वकील आमने सामने आ गए हैं। निर्भया की वकील सीमा कुशवाहा ने स्वजनों दो बार गांव आ चुकी हैं और वकालत नामा पर हस्ताक्षर भी करा लिए हैं।
हाथरस, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के जनपद हाथरस के गांव बूलगढ़ी प्रकरण को लेकर निर्भया केस के वकील आमने सामने आ गए हैं। निर्भया की वकील सीमा कुशवाहा ने स्वजनों दो बार गांव आ चुकी हैं और वकालत नामा पर हस्ताक्षर भी करा लिए हैं। इसकी जानकारी जब सुप्रीम कोर्ट के वकील एसपी सिंह को हुई तो वे भी सामने आ गए। पीड़ितों की ओर से अधिवक्ता सीमा कुशवाहा और आरोपितों की ओर से अधिवक्ता एपी सिंह केस लडऩे की तैयारी कर रहे हैं। इसके लिए सीमा तीन बार हाथरस आकर पीडि़तों से वकालत नामा पर हस्ताक्षर करा चुकी हैं, जबकि एपी सिंह ने गांव पहुंचकर पूरे मामले को समझा। करीब दो घंटे तक वे गांव में रहे। क्षत्रिय महासभा के प्रतिनिधिमंडल के साथ वे आरोपितों के स्वजन से मिले और घटना की पूरी जानकारी लेकर यह भी जाना कि चारों आरोपित घटना के समय कहां थे? आरोप लगाने के पीछे क्या कारण रहे? इसके बाद वे स्वजन के साथ उस खेत गए, जहां वारदात हुई। उन्होंने चारों आरोपितों को निर्दोष बताते हुए कोर्ट में उनका पक्ष रखने की हामी भरी है।
राजनीतिक दलों ने रची बड़ी साजिश
आरोपितों के स्वजन से मिलने के बाद अधिवक्ता एपी सिंह ने कहा कि राजनीतिक दलों ने जातीय संघर्ष कराने के लिए बड़ी साजिश रची थी। मगर शासन ने पूरी साजिश का भंडाफोड़ कर दिया। युवती की मौत के मामले में आरोपित चारों लड़के निर्दोष हैं। उन्हें गलत फंसाया गया है। बिटिया को मारने वाला उसका भाई संदीप क्यों नहीं हो सकता क्योंकि कोई भाई कुछ गलत बर्दास्त नहीं कर सकता। कहा जहां तक रात में अंतिम संस्कार का सवाल है तो प्रशासन ने उन्माद भड़कने से रोकने के लिए ऐसा किया। हैरानी की बात तो ये है कि योगी सरकार इस मामले की एसआइटी जांच करा रही है फिर भी पीड़ित परिवार को तसल्ली क्यों नहीं। उन्होंने इस मामले को ऑनर किलिंग बताते हुए कहा कि युवती की मौत को लेकर पूरी संवेदना तो है मगर बेकसूर युवकों के साथ भी पूरा इंसाफ होना चाहिए। बेकसूर चारों युवकों को फंसाने के पीछे दो परिवार के बीच चली आ रही है रंजिश हो सकती है। इस मामले की वह पैरवी करेंगे। मगर निश्शुल्क नहीं, इस पर जो भी खर्चा होगा राष्ट्रीय क्षत्रिय महासभा वहन करेगा।
तीन बार आईं सीमा कुशवाहा
निर्भया का केस लडऩे वाली अधिवक्ता सीमा कुशवाहा तीन बार आ चुकी हैं, लेकिन वे बूलगढ़ी जाकर दो बार ही पीड़ितों से मिल पाईं। एक अक्टूबर को उन्हें प्रशासन ने गांव में नहीं जाने दिया। चार व आठ अक्टूबर को उन्हें पीड़ितों से घटना की जानकारी ली। इसके बाद कहा था कि बेटी के साथ गलत हुआ है। न्याय दिलाना उनका काम है। आठ अक्टूबर को एफिडेविट आदि पर पीड़ितों से हस्ताक्षर कराए थे।