मेट्रीमोनियल वेबसाइट पर फेक अकाउंट बनाकर सऊदी की शिक्षिका से ठगी करने वाले नाइजीरियन पुलिस रिमांड पर
मेट्रीमोनियल वेबसाइट पर फेक अकाउंट बनाकर सऊदी की शिक्षिका से लगभग पांच लाख रुपये ठगने वाले नाइजीरियन को मंगलवार को तेलंगाना की चंचलगुडा जेल से लाकर अलीगढ़ की अदालत में पेश किया गया जहां से उसे 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। सिविल लाइन क्षेत्र में रहने वाली सऊदी की शिक्षिका से मेट्रीमोनियल वेबसाइट पर फेक एकाउंट बनाकर 4.80 लाख की ठगी करने वाले नाइजीरियन को मंगलवार को तेलंगाना (हैदराबाद) की चंचलगुडा जेल से यहां लाकर अदालत में पेश किया गया। अदालत ने आरोपित का 14 दिन का न्यायिक रिमांड मंजूर किया है, जिसके बाद आरोपित को वापस भेज दिया गया। अब साइबर क्राइम थाना पुलिस वहां जाकर आरोपित से पूछताछ करेगी।
24 जुलाई 2021 को हुई थी शिक्षिका से ठगी
24 जुलाई 2021 को सिविल लाइन क्षेत्र के एक इलाके में रहने वाली सऊदी में शिक्षिका के साथ ठगी हुई थी। शातिर ने शादी डाट काम पर पहले महिला से दोस्ती की। फिर महंगा गिफ्ट भेजने का झांसा दिया। उस गिफ्ट पर लगने वाले कस्टम चार्ज आदि के नाम पर बताए गए खातों में 4.80 लाख डलवा लिए। डीआइजी दीपक कुमार के आदेश पर साइबर क्राइम थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज करके जांच शुरू कर दी। इंस्पेक्टर सुरेंद्र कुमार के नेतृत्व में एसआइ समर पाल सिंह, एसआइ कुसुमलता, सिपाही राजेश राणा व मनीषा यादव की टीम ने जिस खाते में रकम भेजी गई थी, पुलिस ने उन्हेें ट्रेस किया तो वह दिल्ली का निकला। जांच में पता चला कि नई दिल्ली के जनकपुरी के पंखा रोड के चाणक्य प्लेस के ए-1,60 टाप फ्लोर निवासी नाइजीयिरन ओयंका सोलोमन विस्डम उर्फ साइमन ने अपने साथियों के साथ ठगी को अंजाम दिया गया। इंस्पेक्टर सुरेंद्र कुमार ने बताया कि बी-वांरट पर आरोपित साइमन को तलब कराकर मंगलवार को सीजेएम न्यायालय में पेश किया गया। उसके खिलाफ दर्ज मुकदमे में वारंट बनवाया गया। इसके बाद रिमांड स्वीकार कराया गया।
चार साल पहले भारत आया था आरोपित
वर्ष 2019 में आरोपित साइमन बिसनेस वीजा पर भारत आया था। दिल्ली में उसने कपड़े का कारोबार किया। इसमें नुकसान हो गया तो उत्तम नगर में रहने वाले अपने दोस्तों के संपर्क में आया। यहां उसने अलग-अलग मेट्रीमोनियल वेबसाइट्स पर फर्जी आइडी बनाईं। इनमें युवतियों व तलाकशुदा महिलाअों को निशाना बनाता था।
रीयल एस्टेट कारोबारी बताकर देता था झांसा
आरोपित आइडी पर फर्जी तस्वीर लगाता था। कहता था कि वह रीयल एस्टेट कारोबारी है और भारतीय है, मगर फिलहाल विदेश में रह रहा है। धीरे-धीरे युवती को दोस्त बनाकर उसे महंगा गिफ्ट भेजने का लालच देता था। इसमें 55 हजार डालर भेजने का झांसा देता था। कुछ दिन बाद इसी के गिरोह की लड़कियां पार्सल आने की बात कहकर कस्टम अधिकारी बनकर पीड़िता को फोन करके कस्टम फीस के नाम पर ठगी कर लेती थी। यह गिरोह इनकम-टैक्स की रेड आदि की बात कहकर डराता भी था।
रजिस्टर्ड नंबर को 1362 बार किया इस्तेमाल
जिस खाते में शिक्षिका ने ठगी की रकम भेजी थी। पुलिस ने उसे ट्रेस किया तो उसमें रजिस्टर्ड नंबर की मदद से पुलिस आरोपित तक पहुंची। उस नंबर को आरोपित ने 1362 बार अलग-अलग 10-12 फोनों में इस्तेमाल किया था। आरोपित पर हैदराबाद में भी मुकदमा दर्ज हैं। इसी के चलते वहां की पुलिस ने उसे पिछले साल गिरफ्तार किया था।