हर दिन करीब 60 हजार मजदूर कर रहे गांवों में काम, 50 फीसद लक्ष्य पूरा Aligarh news
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना (मनरेगा) में दो माह के अंदर ही पूरे साल का आधा लक्ष्य पूरा हो चुका है। करीब 14 लाख मानव दिवस सृजित हो चुके हैं।
अलीगढ़, [जेएनएन]। मानसून की आहट से पहले तालाब तैयार हो गए हैं। करीब 200 तालाबों की खोदाई हो चुकी है। अब बारिश का इंतजार है। तालाबों पर काम होने से महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना (मनरेगा) में दो माह के अंदर ही पूरे साल का आधा लक्ष्य पूरा हो चुका है। करीब 14 लाख मानव दिवस सृजित हो चुके हैं। 60 हजार मजदूर रोज काम में लगे हैैं।
गांवों में बरसात के पानी के संचयन के लिए तालाब मुख्य स्रोत होते थे। ग्रामाण तालाबों में एकत्रित पानी को ही पशुओं को पानी पिलाते थे। इसमें नहाते व कपड़े धोते थे। जिस गांव में जमीन के नीचे मीठा पानी मिल जाता था, वहां कुआं खोदकर पीने के लिए पानी निकाला जाता था। जब से गांवों में हैंडपंप व सबमर्सिबल की शुरुआत हुई है, लोगों ने तालाबों पर ध्यान देना बंद कर दिया। इससे भूजलस्तर में तेजी से गिरावट आ रही है। चंडौस व इगलास ब्लॉक डार्क जोन में है। भूजलस्तर में सुधार के लिए प्रशासन तीन-चार साल से तालाबों की खोदाई पर सबसे अधिक जोर दे रहा है।
200 तालाबों की खोदाई
लॉकडाउन के बीच लोगों का मनरेगा की तरफ रुझान बढ़ा है। प्रशासन ने भी मनरेगा में सबसे अधिक काम तालाबों पर ही कराया है। दो माह में 200 से अधिक तालाब खुदकर तैयार हो गए हैं। अब तक करीब 12 लाख मानव दिवस सृजित हुए हैं। इसमें आधे तालाबों की खोदाई में लगे हैं। बाकी चकरोड, नाली-खड़ंजा में लगे हैं। करीब 60 हजार मजदूर अब भी मनरेगा में रोज काम कर रहे हैं।
नुमाइश मैदान में लग रहे रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम
नुमाइश मैदान में अब बारिश का पानी बर्बाद नहीं होगा। यहां प्रशासन रेन वाटर हार्वेङ्क्षस्टग सिस्टम लगवा रहा है। तहसील कोल के सामने दो सिस्टम लग रहे हैं। इनके माध्यम से बारिश का पानी जमीन में चला जाएगा। अब तक बारिश का पानी मैदान में भरा रहता था। प्रभारी उपायुक्त मनरेगा सचिन कुमार का कहना है कि 200 तालाबों में खोदाई पूरी हो चुकी है। बारिश का पानी तालाबों में आने से भूजलस्तर में वृद्धि होगी। मनरेगा ने दो माह साल का आधा लक्ष्य पूरा कर लिया है।