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Naxal Attack: सुबह हुई थी शिशुपाल से फोन पर बात, दोपहर में आई बलिदान की खबर

शिशुपाल सिंह के पार्थिव शरीर के आने का इंतजार हर किसी को था। दोपहर बाद करीब चार बजे सीआरपीएफ जवानों का ट्रक गांव पहुंचा तो भारत माता की जय जब तक सूरज चांद रहेगा शिशुपाल तुम्हारा नाम रहेगा... के नारे गूंजने लगे।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Published: Thu, 23 Jun 2022 05:30 PM (IST)Updated: Thu, 23 Jun 2022 05:30 PM (IST)
शिशुपाल सिंह के पार्थिव शरीर के आने का इंतजार हर किसी को था। परिवार में मचा कोहराम

हाथरस, जागरण संवाददाता। सिकंदराराऊ ओडिशा में नक्सली हमले में शिशुपाल ङ्क्षसह के बलिदान की खबर से हर कोई द्रवित हो उठा। बुधवार को उनका पार्थिव शरीर गांव लाया गया तो कोहराम मच गया। तिरंगे में लिपटे सपूत को देखकर गांव के लोगों का सीना गर्व से चौड़ा तो हुआ, साथ में अंतिम दर्शन पर आंखें भी नम हो उठीं। उनकी पत्नी से मंगलवार सुबह ही हंसी-खुशी बात हुई थी, दोपहर में उनके बलिदान की खबर सुनकर वह टूट गईं।

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हर किसी की आंखों में थे आंसू

शिशुपाल सिंह के पार्थिव शरीर के आने का इंतजार हर किसी को था। दोपहर बाद करीब चार बजे सीआरपीएफ जवानों का ट्रक गांव पहुंचा तो भारत माता की जय, जब तक सूरज चांद रहेगा, शिशुपाल तुम्हारा नाम रहेगा... के नारे गूंजने लगे। तिरंगे में लिपटे सपूत को देखकर हर किसी की आंखों में आंसू छलक उठे। पत्नी प्रवेश देवी, 22 वर्षीय बेटा अमन और 70 वर्षीय मां रामबेटी का रो-रोकर बुरा हाल था। पत्नी ने रोते हुए बताया कि मंगलवार की सुबह ही उनकी बात हुई थी। तब सब कुछ ठीक था। दोपहर में नक्सली हमले में बलिदान की खबर आई तो उनकी चीख निकल गई। शहीदन के बेटे अमन और मां के करुण क्रंदन से हर कोई रो पड़ा।

स्वजन ने बताया कि शिशुपाल तीन महीने पहले मार्च के महीने में 15 दिन की छुट्टी पर आए थे। उनकी पत्नी और बेटे आगरा वाले घर में रहते हैं। पूरा परिवार आगरा से गांव भी घूमने आया था। इसके बाद वह परिवार के साथ हरिद्वार गंगा स्नान के लिए भी गए थे। गंगा स्नान के बाद वह ड्यूटी पर ओडिशा निकल गए थे, जबकि पत्नी और बेटे आगरा वापस आ गए थे।

रोते हुए बिगड़ी पत्नी की तबीयत

शिशुपाल सिंह के बलिदान के बाद पत्नी प्रवेश देवी का रो-रोकर बुरा हाल है। वह अपने आंसू नहीं रोक पा रही हैं। बुधवार को रोते-रोते उनकी तबीयत बिगड़ गई। उन्हें स्वजन उपचार के लिए चिकित्सक के पास लेकर गए। उनके साले की भी विलाप करते हुए तबीयत बिगड़ गई। शिशुपाल सिंह की ससुराल भी पैतृक गांव से करीब पांच किलोमीटर दूर एटा जनपद के गांव भगवंतुपर में है। वहां से भी सैकड़ों की संख्या में लोग ट्रैक्टर-ट्रोली लेकर गांव पहुंचे थे।

अधिकारियों ने कराई तैयारी

अंतिम संस्कार को लेकर एसडीएम अंकुर वर्मा, सीओ सुरेंद्र सिंह, तहसीलदार सुशील कुमार, कोतवाल एके ङ्क्षसह समेत पुलिस-प्रशासनिक टीम तैयारियों में लगी रही। अंतिम संस्कार के लिए स्थल को जेसीबी से समतल कराया गया। रास्ते को भी ठीक कराया गया।

यूपीएससी की तैयारी कर रहा बेटा

पिता का साया सिर से हट जाने के बाद शिशुपाल सिंह के बेटे अमन यादव का रो-रोकर बुरा हाल है। वह यूपीएससी की तैयार कर रहे हैं। रोते हुए वह बोले कि अब समझ नहीं आ रहा कि मेरे भविष्य का आखिर क्या होगा। पिता मार्गदर्शक थे। पिता के बाद अगर जरूरत पड़ी तो देश सेवा से पीछे नहीं हटूंगा।


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