एएमयू में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की जांच पूरी, आखिरी दिन 60 छात्रों ने दिए लिखित बयान Aligarh news
एएमयू बवाल में 40 लोगों ने एनएचआरसी की टीम के समक्ष तीन दिन में दर्ज कराए बयान। छात्र पुलिस व अग्निशमन विभाग के अफसरों से भी पूछताछ।
अलीगढ़ [जेएनएन] हाईकोर्ट के निर्देश पर आई राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम की जांच गुरुवार को पूरी हो गई। आखिरी दिन टीम को 60 छात्रों ने लिखित बयान भी दिए। वहीं, लिखित बयानों से इतर तीन दिन में टीम ने कुल 40 लोगों के बयान दर्ज किए हैं। इनमें छात्र, आरएएफ-पीएसी के जवान और फायर ब्रिगेड के अफसर भी शामिल हैं। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के डिप्टी एसपी राजवीर सिंह ने कहा कि दूसरे चरण में कुल 40 बयान दर्ज किए गए हैं। वहीं, 60 छात्रों के लिखित बयान भी लिए हैं। जांच पूरी हो चुकी है। अब टीम साक्ष्यों व सभी बयानों का अवलोकन करेगी, जिसकी रिपोर्ट बनाकर हाईकोर्ट में पेश की जाएगी।
कुछ रिपोर्ट व कागजात रह गए हैं
एएमयू बवाल की जांच करने के लिए पहले चरण में 13 से 18 जनवरी तक पांच दिन के लिए एसएसपी मंजिल सैनी के नेतृत्व में सात सदस्यीय टीम आई थी। फिर दूसरे चरण में मंगलवार को डिप्टी एसपी राजवीर सिंह के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम अलीगढ़ पहुंची। टीम में जांच अधिकारी सरोज तिवारी व मनोज दहिया भी मौजूद हैं। पहले दिन टीम ने आरएएफ के जवानों के बयान दर्ज कर उनसे कार्रवाई के दौरान आंसू गैस व कारतूसों का विवरण मांगा था। वहीं, दूसरे दिन टीम ने सुबह एएमयू पहुंचकर प्रॉक्टर से बातचीत की। इसके बाद याचिकाकर्ता अमन खान की मौजूदगी में कुल 17 छात्रों ने बयान दर्ज कराए। गुरुवार को टीम ने पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस में छह-सात छात्रों के बयान लिए, जो शेष रह गए थे। इसके अलावा 60 छात्रों ने लिखित बयान दिए हैं। इनमें सभी छात्रों ने बवाल के दिन का आंखों देखा हाल बताया है। इधर, सर्किट हाउस में टीम ने कुछ पुलिस अफसरों के बयान लिए, साथ ही अग्निशमन अफसरों ने भी अपनी बात रखीं। अभी कुछ रिपोर्ट और छात्रों के कागजात रह गए हैं, जिन्हें शुक्रवार सुबह पूरा कर टीम रवाना हो जाएगी। तीन दिन की जांच में लिखित बयानों के अलावा कुल 40 लोगों के बयान दर्ज किए हैं, जिनमें छात्र और पुलिस अफसर शामिल हैं।
जेएन मेडिकल कॉलेज पहुंची टीम
टीम ने गुरुवार को जेएन मेडिकल कॉलेज पहुंचकर घायल छात्रों के इलाज का विवरण मांगा। टीम के पास 24 छात्रों के रिकॉर्ड आए थे, जिन्होंने यहां इलाज कराया था। छात्रों के बयानों के मुताबिक, टीम ने अस्पताल से पूरा विवरण लिया कि कौन-कौन छात्र आया और उसे क्या ट्रीटमेंट दिया गया था?