राष्ट्रीय डेंगू दिवस : कोरोना से कम घातक नहीं डेंगू का डंक, बचना है तो बरतें सावधानी
कोरोना के बाद अगर किसी बीमारी ने लोगों को सबसे ज्यादा डराया है तो वो है डेंगू। शहर से लेकर गांव तक डेंगू का डंक फैला हुआ है। विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना की तरह ही डेंगू में भी सावधानी व समझदारी दिखाएं तो बचा जा सकता है।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। पिछले वर्ष कोरोना के अलावा यदि किसी बीमारी ने लोगों को सबसे ज्यादा डराया तो वह डेंगू का डंक था। शहर से लेकर देहात तक डेंगू की दहशत फैल गई। प्लेटलेट्स के लिए खूब मारामारी मची। काफी संख्या में लोगों की मृत्युु हो गई। जांच व उपचार के नाम पर निजी अस्पतालों में रोगियों से खूब लूट हुई। शासन को दिशा-निर्देश तक जारी करने पड़े। विशेषज्ञों के अनुसार यदि लोग कोरोना की तरह डेंगू में भी जरा सी सावधानी व समझदारी दिखाएं तो इससे बचा जा सकता है। आइए, राष्ट्रीय डेंगू दिवस पर इसके बारे में जानें...
हड्डी तोड़ बुखार के रूप पर पहचान
जिला मलेरिया अधिकारी डा. राहुल कुलश्रेष्ठ ने बताया कि बताया कि डेंगू एडिज मच्छर के काटने से होता है, जो दिन में काटता है। इस मच्छर के शरीर पर सफेद धारियां होती हैं, जिसके कारण इसे टाइगर मच्छर भी कहा जाता है। यह मच्छर ज्यादा ऊंचाई तक नहीं उड़ पाता। इसके लार्वा साफ पानी में पनपता है। घर के अंदर कूलर, फ्रिज की ट्रे, छत पर रखे पानी का कोई पात्र, पुराना टायर, गमला आदि में लार्वा पनपने की सबसे अधिक आशंका रहती है। काटने पर पांच से छह दिन बाद लक्षण दिखाई देने लगते हैं। हड्डियों में तेज दर्द भी इनमें शामिल है। इसलिए डेंगू बुखार को हड्डी तोड़ बुखार भी कहा जाता है। बदलता मौसम डेंगू के लिए अनुकूल होता है।
चार वर्षों में डेंग की स्थिति
वर्ष, जांच, मरीज
2021, 634, 289
2020, 4541, 1041
2019, 2716, 999
2018, 8500, 1407
(आंकड़े केवल सरकारी लैब के हैं)
ये हैं लक्षण
- - त्वचा पर चकत्ते
- - तेज सिर दर्द
- - पीठ दर्द
- - आंखों में दर्द
- - तेज बुखार
- - मसूड़ों से खून बहना
- - नाक से खून बहना
- - जोड़ों में दर्द
- - उल्टी
- - डायरिया
ऐसे भी करें बचाव
- - फ्रिज की ट्रे व कूलर में इकट्ठा पानी को एक सप्ताह में जरूर बदल दें।
- - मच्छरनाशक क्रीम, स्प्रे, मैट्स, क्वाइल आदि का प्रयोग करें।
- - सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें।
- - सेनोट्रोला तेल भी मच्छरोें को भगाने में काफी असरदार है।
- - ऐसे कपड़े पहने जिससें कि शरीर का अधिक से अधिक भाग ढका रहे।
- - मच्छरनाशक दवा छिड़कने वाले कर्मचारी आएं तो उन्हें मना न करें।
- - घर के आसपास पानी न इकट्ठा होने दें।
- - गमलों, पुराने टायर व अन्य पात्रों का पानी बदलते रहें।
- - घर की खिड़कियों पर जाली या स्क्रीन होनी चाहिए।
- - बुखार आने पर कोई भी दर्द निवारक न लें।
- - जलभराव वाले स्थानों को मिट्टी से ढक दें।
- - इकट्ठा पानी पर जला हुआ मोबिल आयल-मिट्टी का तेल डालें।
आज होगा जागरूकता कार्यक्रम
सीएमओ डा. नीरज त्यागी ने बताया कि स्वास्थ्य एवं मलेरिया विभाग की ओर से 16 मई को राष्टीय डेंगू दिवस मनाया जाएगा। समस्त जिला स्तरीय अस्पतालों के सीएमएस, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के अधीक्षक व पीएचसी के प्रभारी चिकित्साधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे रैली, गोष्ठी आदि के माध्यम से डेंगू के प्रति लोगों को जागरूक करें। जिला चिकित्सालय में 50 बेड व सीएचसी पर पांच बेड डेंगू रोगियों के लिए आरक्षित किए जाएंगे।
निकाली गई जागरूकता रैली
जिला मलेरिया अधिकारी डा. राहुल कुलश्रेष्ठ ने बताया कि रविवार को मलेरिया-डेंगू रोधी अभियान के अंतर्गत जनजागरूकता रैली निकाली गई। इसमें डेंगू संवेदनशील क्षेत्र रसल गंज से सराय हकीम तक लोगों को जागरूक किया गया। रेलवे रोड मै किया गया जिसमे हम सबने ये ठाना है डेंगू को हराना है, पानी ठहरेगा जहां मच्छर पनपेगा वहां, हर रविवार मच्छर पे वार लार्वा पर प्रहार जैसे नारे लगाए।