एएमयू का नैनो सेंसर बताएगा पौधों में ऑक्सीडेंट की मात्रा, ये होंगे इसके फायदे
पौधों की कोशिकाओं में ऑक्सीडेंट की मात्रा कितनी है, यह अब नैनो सेंसर बताएगा। इसके लिए अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के वनस्पति विज्ञान विभाग में शोध हो रहा है।
अलीगढ़ (जेएनएन)। पौधों की कोशिकाओं में ऑक्सीडेंट की मात्रा कितनी है, यह अब नैनो सेंसर बताएगा। इसके लिए अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के वनस्पति विज्ञान विभाग में शोध हो रहा है। इसके लिए भारत सरकार ने डिपार्टमेंट को बजट दिया है। शोध पर काम कर रहे डॉ. नसर अजिज अंजुम को भारत विकास पुरस्कार से नवाजा गया है। अन्य शोध कार्य के लिए इसी विभाग के प्रो. अनवर शहजाद व डॉ. फहीम अहमद को भी सम्मानित किया गया है। उन्हें यह सम्मान भुवनेश्वर में आयोजित कार्यक्रम में दिया गया।
पहले यूरोप में थे डॉ नसर अजिज
डॉ. नसर अजिज अंजुम एक साल पहले ही भारत आए हैं। इससे पहले वह यूरोप में थे। इस शोध के संबंध में उन्होंने मिनिस्ट्री ऑफ साइंस टेक्नोलॉजी को प्रस्ताव दिया था। इसके बाद उन्हें यह जिम्मेदारी मिली है। सरकार ने बेस्ट ब्रेन को बाहर से देश में वापस बुलाया है। डॉ. नसर अजिज अंजुम ने बताया कि शोध अभी शुरुआती दौर में हैं। पौधों की सेल्स पर काम हो रहा है।
ये है शोध का उद्देश्य
शोध का मकसद नैनो सेंसर के जरिए जीवित पौधों की सेल्स में ऑक्सीडेंट की जानकारी जुटाना है। 2022 तक शोध पूरा करना है। इसका फायदा यह होगा कि पौधों में अगर ऑक्सीडेंट की मात्रा अधिक होगी तो उसे समय रहते कम किया जा सकेगा। मात्रा अधिक होने पर इसका असर पौधों की वृद्धि व फल आदि परपड़ता है।
औषधीय पौधों की बढ़ा रहे संख्या
एसोसिएट प्रोफेसर अनवर शहजाद प्लांट टिश्यूकल्चर पर काम कर रहे हैं। पौधों में औषधि की मात्रा बढ़ाने के साथ उससे बिना बीज के अन्य पौधे तैयार करना है। डॉ. अनवर बीस साल ये काम कर रहे हैं। बॉटनीकल गार्डन में तमाम पौधे तैयार किए हैं। इस कार्य के लिए उन्हें यह सम्मान मिला है।
बायो फर्टिलाइजर पर काम
असिस्टेंट प्रोफेसर फहीम अहमद भी दो साल पहले एएमयू में आए हैं। इससे पहले जापान में थे। प्रो. फहीम बायो कंट्रोल पर काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि निमेटोड्स आदि पौधों को नुकसान पहुंचाते हैं। इनके कंट्रोल के लिए बायो फर्टिलाइजर तैयार किया जा रहा है। इसके परिणाम भी सुखद आए है। इस कार्य के लिए उन्हें सम्मान मिला है।