तेरह साल पुराने मामले में हत्या के अभियुक्त को उम्रकैद की सजा Hathras news
अपर सत्र न्यायाधीश एफटीसी प्रथम सत्येंद्र ङ्क्षसह वीरवान की अदालत ने तेरह साल पुराने हत्या के मामले में एक युवक को दोषी करार दिया है। उसे आजीवन कारावास व लाश छिपाने के मामले में तीन साल की सजा सुनाते हुए 13 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया है।
हाथरस, जेएनएन । अपर सत्र न्यायाधीश एफटीसी प्रथम सत्येंद्र सिंह वीरवान की अदालत ने तेरह साल पुराने हत्या के मामले में एक युवक को दोषी करार दिया है। उसे आजीवन कारावास व लाश छिपाने के मामले में तीन साल की सजा सुनाते हुए 13 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया है।
यह है मामला
अभियोजन पक्ष के अनुसार भानुप्रकाश बघेल ने एक जुलाई 2007 को थाना हसायन में अभियोग दर्ज कराया था। इसमें कहा था कि गांव बाबस व सूसामई के मध्य में श्याम ङ्क्षसह का पक्का कुआं है, जहां मवेशी चरा रहे ब'चों ने कुएं में लाश देखी तो जानकारी ग्रामीणों को दी। गर्दन कटे हुए इस शव की शिनाख्त नत्थीलाल के रूप में हुई। पुलिस ने मुकदमे के आधार पर इस मामले में भूप ङ्क्षसह पुत्र उदयराम निवासी सूसामई को गिरफ्तार किया। हत्या में प्रयुक्त कुल्हाड़ी भी निशानदेही पर बरामद की। आरोप पत्र अदालत में दाखिल किया। यह मामला अपर सत्र न्यायाधीश एफसीटी प्रथम की अदालत में विचाराधीन था। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी एडीजीसी मुकेश कुमार चौधरी ने करते हुए आरोप सिद्ध करने में सफलता हासिल की।
आजीवन कारावास की सजा सुनाई
अपर सत्र न्यायाधीश सत्येंद्र सिंह वीरवान ने भूप सिंह को धारा 302 के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही दस हजार रुपये का अर्थदंड लगाया, जिसे अदा न करने पर चार माह का अतिरिक्त कारावास काटना होगा। वहीं धारा 201 के तहत तीन वर्ष का कारावास व तीन हजार रुपये का अर्थदंड धरा है। समस्त सजाएं साथ साथ चलेगी। जेल में बिताई गई अवधि सजा में सम्मलित की जाएगी। अर्थदंड की कुल धनराशि में से आधी धनराशि मृतक के स्वजन को प्रतिकर के रूप में अदा करने के आदेश दिए हैं।