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14.98 करोड़ संपत्ति कर बकाये पर नगर निगम ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का बैंक खाता किया सीज

संपत्ति कर का 14 करोड़ 98 लाख 11 हजार 380 रुपये जमा न करने पर नगर निगम ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का बैंक खाता सीज करा दिया है। सोमवार को एएमयू कैंपस स्थित एसबीआइ की शाखा पहुंचकर नगर निगम की टीम ने प्रक्रिया पूरी की।

By Umesh Kumar TiwariEdited By: Published: Tue, 05 Jan 2021 01:00 AM (IST)Updated: Tue, 05 Jan 2021 05:31 PM (IST)
14.98 करोड़ संपत्ति कर बकाये पर नगर निगम ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का बैंक खाता किया सीज
संपत्ति कर जमा न करने पर नगर निगम ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का बैंक खाता सीज करा दिया है।

अलीगढ़, जेएनएन। संपत्ति कर का 14 करोड़ 98 लाख 11 हजार 380 रुपये जमा न करने पर नगर निगम ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) का बैंक खाता सीज करा दिया है। सोमवार को एएमयू कैंपस स्थित एसबीआइ की शाखा पहुंचकर नगर निगम की टीम ने प्रक्रिया पूरी की। 

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ऐसा दूसरी बार हुआ है। मार्च 2019 में भी खाता सीज किया गया था। तब संपत्ति कर के करीब 13 करोड़ रुपये बकाया थे। मामला शासन तक पहुंचने पर खाता खोला गया था। कर निर्धारण पर आपत्ति जताते हुए एएमयू इस मामले को न्यायालय ले गया। उधर, बकाया बढ़ता गया। नगर निगम ने तीन दिसंबर को डिमांड नोटिस भी भेजा, लेकिन बकाया राशि जमा नहीं कराई गई।

इस संबंध में कुछ दिन पहले नगर आयुक्त प्रेम रंजन सिंह ने शिक्षा मंत्रालय के अवर सचिव को पत्र लिखा था। इसमें बताया था कि एएमयू की ओर से 10 अप्रैल 1990 में जारी शासनादेश का हवाला दिया जा रहा है। यह आदेश उत्तर प्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1916 के तहत प्रदेश सरकार ने जारी किया था। इससे पहले तत्कालीन एएमयू कुलपति ने 28 अगस्त 1989 को शासन को पत्र लिखकर एएमयू की संपत्तियों को कर से मुक्त रखने का अनुरोध किया था।

शासनादेश से जो कर मुक्ति दी गई थी, वह नगर पालिका अधिनियम 1916 के तहत थी। एएमयू पर जो कर लगाया गया है, वह उप्र नगर निगम अधिनियम 1959 की व्यवस्था के तहत है। 17 नवंबर 1994 से अलीगढ़ शहर की सांविधानिक स्थिति नगर निगम की है। एएमयू ने जो तथ्य पेश किए हैं, वे भ्रमित करने वाले हैं। एएमयू के प्रवक्ता प्रो. साफे किदवई का कहना है कि कर निर्धारण का मामला अभी न्यायालय में विचाराधीन है। खाता सीज करने का मामला कोर्ट में रखा जाएगा।


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