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भुगतान पर बिगड़ी बात बनाने में लगा नगर निगम, जानिए क्या है मामला Aligarh News

सड़कों के रोशन होने की उम्मीद फिर जागी है। भुगतान न होने पर एलईडी की आपूर्ति में जो गतिरोध बना हुआ था वह दूर हो रहा है। एलईडी लगाने की जिम्मेदारी संभाल रही ईईएसएल कंपनी एक करोड़ रुपये लेकर एलईडी की आपूर्ति करने पर तैयार हो गई है।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Published: Tue, 08 Jun 2021 01:41 PM (IST)Updated: Tue, 08 Jun 2021 01:41 PM (IST)
भुगतान पर बिगड़ी बात बनाने में लगा नगर निगम, जानिए क्या है मामला Aligarh News
कंपनी प्रतिनिधियों ने फिलहाल 25 हजार एलईडी देने पर सहमति जताई है।
अलीगढ़, जेएनएन। शहर की सड़कों के रोशन होने की उम्मीद फिर जागी है। भुगतान न होने पर एलईडी की आपूर्ति में जो गतिरोध बना हुआ था, वह दूर हो रहा है। एलईडी लगाने की जिम्मेदारी संभाल रही ईईएसएल कंपनी एक करोड़ रुपये लेकर एलईडी की आपूर्ति करने पर तैयार हो गई है। हालांकि, अभी करीब आठ कराेड रुपये बकाया है। इसके लिए भी निगम अधिकारियों ने आश्वासन दिया है। कंपनी प्रतिनिधियों ने फिलहाल 25 हजार एलईडी देने पर सहमति जताई है।
यह है मामला
नगर निगम अधिकारी भी जानते थे कि बिना कुछ दिए एलईडी की आपूर्ति होने से रही। अगर कंपनी को आपूर्ति करनी ही होती तो महाशिवरात्रि के पहले ही कर देती। तब अफसरों ने 25 हजार एलईडी का ठेका दिया था। ये बात सार्वजनिक भी कर दी कि महाशिवरात्रि पर्व तक 25 हजार एलईडी लगा दी जाएंगी। खेरेश्वरधाम तक सड़कें रोशन होेंगी। लेकिन, एेन वक्त पर कंपनी ने मुंह मोड़ लिया। योजना धरी रह गई। अब भुगतान होने पर अधिकारी आश्वस्त हैं कि एलईडी की आपूर्ति होगी ही। 
ये पहली बार नहीं है जब ईईएसएल और नगर निगम के बीच विवाद बना हो। 2019 के बाद से भुगतान को लेकर विवाद होता ही रहा है। दरअसल, 24 फरवरी, 15 कंपनी का निगम से अनुबंध हुआ था। तब कंपनी ने हाईमास्ट, सोडियम लाइट उतरवा कर 14,197 एलईडी लगवा दीं। दूसरा अनुबंध 27 दिसंबर, 18 को हुआ, तब 19705 एलईडी लगीं। भुगतान की बात आयी तो निगम ने 2019 में 6.25 करोड़ का पुराना भुगतान कर दिया। बताते हैं कि तब से कोई भुगतान नहीं हुआ। जबकि, कंपनी अब तक 33,902 लाइट लगा चुकी है। एलईडी के सत्यापन को लेकर भी सवाल उठाए गए थे। निगम अधिकारियों का कहना था कि लाइट कम लगी हैं और दर्शायी ज्यादा गई हैं। इसको लेकर कंपनी प्रतिनिधियों से जियो टेगिंग रिपोर्ट मांग ली। भौतिक सत्यापन की शर्त भी रख दी। इसके बाद ही भुगतान करने की बात कही। इस पर कंपनी राजी नहीं हुई। तभी से विवाद बना ही रहा। अब एक करोड़ रुपये का भुगतान होने पर कंपनी 25 हजार एलईडी भेजने पर राजी हो गई है।

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