Aligarh Weather Forecast : आसमान में बादलों की आवाजाही, बारिश न होने से जनजीवन बेहाल Aligarh news
प्रदेश में मानसून ने दस्तक तो दे दी है लेकिन बारिश नहीं हो रही है। किसानों ने धान की नर्सरी लगा ली है अब उन्हें इंतजार है इंद्रदेव की क्रपा की ताकि वो धान की रोपाई कर सकें। बीते कई दिनों से आसमान में बादलों की आवाजाही जारी है।
अलीगढ़, जेएनएन। प्रदेश में मानसून ने दस्तक तो दे दी है लेकिन बारिश नहीं हो रही है। किसानों ने धान की नर्सरी लगा ली है अब उन्हें इंतजार है इंद्रदेव की क्रपा की ताकि वो धान की रोपाई कर सकें। बीते कई दिनों से आसमान में बादलों की आवाजाही जारी है लेकिन बारिश होने का नाम नहीं ले रही है। कहीं कहीं बूंदाबांदी जरूर हुई है लेकिन ये नाकाफी है। बारिश न होने से मौसम मे उमस बनी हुयी है। लोग गर्मी से बेहाल है, पंखें कूलर भी काम करना बंद दिये हैं।
बारिश की संभावना जतायी गयी थी
जुलाई के दूसरे सप्ताह में मौसम विभाग की बारिश की संभावना की भविष्यवाणी से लोगों को उम्मीद थी कि कुछ राहत मिलेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। हालांकि भविष्यवाणी कुछ हद तक सही साबित हुई। आठ और नौ जुलाई को बादल भी आए लेकिन बारिश नहीं हुई। बारिश ने होने से इंसान के साथ पशु पक्षी भी परेशान नजर आ रहे हैं। पेड़ पौधे भी झुलसने लगे हैं।
किसानों को भी बारिश का इंतजार
इन दिनों धान की रोपाई का समय चल रहा है। नर्सरी में पौधें तैयार हैं, लेकिन खेतों में पानी नहीं होने के कारण रोपाई नहीं कर पा रहे हैं। धान की रोपाई के लिए खेतों में पानी भरा हुआ होना जरूरी है। जिन किसानों ने अपने खर्च से जैसे तैसे रोपाई कर दी है, अब उनमें पानी नहीं लग पा रहा है।
बिजली कटौती से लोग परेशान
गर्मी और उसम से परेशान लोगों को बिजली कटौती ने जले पर नमक छिड़कने वाला काम कर रही है। बिजली गुल होते ही लोग पसीने से तरबतर हो जाते हैं। ऐसे में संक्रामक बीमारी का खतरा भी बढ़ गया है। उल्टी, दस्त, डायरिया, मलेरिया के मरीज बढ़ रहे हैं। बच्चे ज्यादा प्रभावित हैं। चिकित्सक खानपान में सावधानी बरतने की नसीहत दे रहे हैं। डा. संतोष कुमार का कहना है कि बच्चों को धूप में न खिलने दें। घर का शुद्ध खाना व नाश्ता दें। बाहर की तली, भुनी सामग्री न खाने दें। ऐसे मौसम में बिजली कटौती मुश्किलें खड़ी कर रही है। विभागीय अधिकारी इसकी वजह लोड बढ़ना बता रहे हैं। फाल्ट भी हो रहे हैं। उधर, बारिश न होने से किसानों की परेशानी बढ़ गई है। धान की रोपाई का कार्य बाधित हो रहा है। किसानों को नलकूपों के सहारे धान की रोपाई करनी पड़ रही है। ऐसे में किसानों की लागत बढ़ रही है।