विधायकों ने नहीं किया कोई काज, सीएम योगी ने बचाई लाज Aligarh news
एक विधायक सबकुछ नहीं कर सकता और चाहे तो बहुत कुछ कर सकता है। इगलास विधानसभा क्षेत्र को तो तीन साल में दो-दो विधायक मिले हैं। शुरू के दो साल के लिए राजवीर दिलेर।
अलीगढ़ [ जेएनएन ] एक विधायक सबकुछ नहीं कर सकता और चाहे तो बहुत कुछ कर सकता है। इगलास विधानसभा क्षेत्र को तो तीन साल में दो-दो विधायक मिले हैं। शुरू के दो साल के लिए राजवीर दिलेर। अब चार माह से राजकुमार सहयोगी कमान संभाले हुए हैं। लेकिन, फिर भी इगलास क्षेत्र की तस्वीर जस की तस है। न तो यहां पर खस्ताहाल सड़कें सुधरी हैं और ही छुट्टा पशुओं का आतंक खत्म हुआ। मजबूरन किसान फसलों में ही रतजगा करते हैं। कई गांवों में तो जलभराव से लोग नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं। गौडा को नगर पंचायत का दर्जा दिलाने का सपना भी अधूरा है। गोरई को थाना बनवाना भी अधर में लटक गया है। सीएम योगी ने जरूर इगलास विधानसभा चुनाव से पहले यूनिवर्सिटी समेत अन्य सौगात देकर लाज बचाने का प्रयास किया है। प्रस्तुत है इगलास विधानसभा के तीन साल के कामकाज की विस्तृत रिपोर्ट
दिलेर गए, सहयोगी आए
2017 में हुए विधानसभा चुनाव में इगलास की जनता ने राजवीर दिलेर को भारी मतों से जिताया। लेकिन, इनका कामकाज दो साल ही पूरा हो पाया था कि भाजपा ने इन्हें हाथरस संसदीय क्षेत्र से टिकट दे दिया तो हाथरस से ये सांसद चुन लिए गए। इसके बाद इगलास विधानसभा सीट खाली हो गई। करीब पांच माह तक यहां कोई भी विधायक नहीं रहा। अब चार माह पहले उपचुनाव में इगलास से राजकुमार सहयोगी विधायक चुने गए। लेकिन, इगलास विधानसभा क्षेत्र अब तक विकास से पिछड़ा हुआ है।
विधानसभा क्षेत्र में प्रमुख कामों का दावा
-लोधा क्षेत्र में राजा महेंद्र प्रताप विश्वविद्यालय का निर्माण कार्य
-इगलास क्षेत्र में सबसे अधिक गोशालाओं का निर्माण
-आधा दर्जन से अधिक श्मशान घाट का सुंदरीकरण का काम
-भ्यामल खेड़ा में पर्यटन स्थल को विकसित करने का प्रस्ताव शासन को भेजा
-गोरई चौकी को थाने में तब्दील करने का प्रस्ताव शासन में भेजा
जनता की टीस
-धरणीधर सरोवर को नहीं मिल सका पर्यटन स्थल का दर्जा
-किसानों के लिए आलू की बिक्री के लिए नहीं है कोई प्लेट फॉर्म
-बेसवां को ब्लॉक का दर्जा दिलाने की मांग अब भी पड़ी है अधूरी
-गौंडा को नगर पंचायत का दर्जा दिलाने की मांग भी नहीं हो पाई पूरी
-विधानसभा क्षेत्र में जर्जर पड़ी हैं कई महत्वपूर्ण सड़कें
-बेसवां क्षेत्र में खारे पानी की समस्या भी अब तक नहीं हुई है खत्म
-खेल प्रतिभाओं के लिए कस्बा क्षेत्र में एक स्टेडियम की भी है दरकार
तीन साल की निधि का लेखा-जोखा
-5.5 करोड़ की शासन से प्राप्त हुई धनराशि
-इसमें से चार करोड़ के करीब धनराशि हो चुकी है खर्च
-90 फीसद से अधिक धनराशि इंटरलॉकिंग पर खर्च
-200 से अधिक हैंडपंपों की भी कराई गई स्थापना
-त्वरित आर्थिक विकास योजना के तहत पांच करोड़ के काम
नगर में लगने वाले जाम से निजात दिलाए जाने की आवश्यकता
बेसवां -राकेश गोयल, कस्बे से जुड़े गांव शेरनी, मुकंदपुर, बहादरपुर, फोंदा नगला, गोरई रोड खराब हालात में हैं। कई बार इसके दुरुस्तीकरण के वादे हुए हैं। लेकिन, अब तक कोई भी असर नहीं हुआ। खारे पानी की गंभीर समस्या है। लेकिन, अब तक कोई भी ठोस कदम नहीं उठाए गए। बेसवां -बनवारीलाल राठी,तीन साल में चुने गए दोनों विधायकों ने धरणीधर सरोवर को पर्यटन स्थल घोषित कराने और सरोवर का सुंदरीकरण का वायदा किया था। लेकिन, अब कोई पहल नहीं की गई। बेसवां पर्यटन स्थल भी घोषित होना चाहिए। बेसवां को ब्लॉक का दर्जा दिलाए जाने की मांग भी पूरी होनी चाहिए। इगलास -कुलदीप सक्सेना, बोले वैसे तो विधायक ठीक-ठाक काम कर रहे हैं। लेकिन, नगर में लगने वाले जाम से निजात दिलाए जाने की आवश्यकता है। जाम के झाम में घंटों लोगों को फंसे रहना पड़ता है। इससे व्यापारियों के साथ आमजन को भी दिक्कतें होती हैं। तोछीगढ़ जतन चौधरी, ने कहा विधायक के कामकाज से हम बिल्कुल भी संतुष्ट नहीं है। न तो क्षेत्र में छुट्टा गोवंशों से निपटने को पर्याप्त गोशालाएं खोली गईं और न ही अब तक ठोस प्रयास कार्रवाई हुई है। सड़कों पर भी गड्ढों के गहरे जख्म हैं।
विधायक से बातचीत
अब तक कामकाज का कैसे अनुभव रहा ?
जनता के आशीर्वाद से सेवा करने का मौका मिला यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है। अभी मुझे करीब चार महीने ही हुए हैं। अधिक से अधिक समय जनता के बीच में बिताने की कोशिश की है।
अब प्राथमिकता क्या रहेंगी ?
इगलास क्षेत्र से सबसे अधिक युवा सेना में हैं। लेकिन, यहां क्षेत्र में एक भी स्टेडियम नहीं है। युवा सड़कों पर दौड़ व व्यायाम करने को मजबूर हैं। ऐसे में प्राथमिकता से विधानसभा में एक स्टेडियम विकसित कराना है।
गौंडा को नगर पंचायत के प्रस्ताव पर क्या रुख रहेगा
गौंडा को नगर पंचायत में तब्दील कराना मेरी प्राथमिकता है। मैं इसके लिए लगातार प्रयासरत हूं? शासन पर भी पूरी पहल की जा रही है। गोरई को थाना बनाने का प्रस्ताव भी शासन में जा चुका है।