आयकर के सम्मन के बाद सीए की शरण में पहुंचे अलीगढ़ के विधायक
आयकर विभाग से भाजपा के पांच विधायकों को सम्मन जारी होने खबर के बाद विधायक सीए के यहां पहुंच गए हैं।
जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : आयकर विभाग से भाजपा के पांच विधायकों को सम्मन जारी होने खबर के बाद उनकी किचन कैबिनेट के लोग मामले के मैनेजमेंट में जुट गए हैं। आयकर विभाग को जवाब दे चुके कोल विधायक अनिल पाराशर से भी कुछ ने संपर्क किया है, ताकि उनकी मदद से अपना जवाब बनवा सकें। कुछ विधायकों ने चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) की शरण ले ली है। दैनिक जागरण ने गुरुवार के अंक में 'आयकर विभाग ने पांच विधायकों को भेजा सम्मन' शीर्षक से खबर छापी थी।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
सीए अवन कुमार सिंह बताते हैं कि सम्मन प्रक्रिया के बाद आयकर विभाग जवाब के लिए एक मौका और देता है। इसमें पूछा जाता है कि जबाव न देने पर क्यों न कुल अघोषित संपत्ति पर 30 से 60 फीसद तक टैक्स व 100 से 300 फीसद तक का जुर्माना लगा दिया जाए? उन्होंने निजी राय दी कि अगर विधायकों को सम्मन मिल गया है तो उसका जल्द जवाब दे देना चाहिए। देरी की स्थिति में सख्त कार्रवाई संभव है। यह केस दायर होने जैसी भी हो सकती है।
-------- 10 लाख में संजीव राजा बन गए थे विधायक, सर्वाधिक 19 लाख खर्च किए दलवीर ने
जासं, अलीगढ़ : आयकर विभाग के सम्मन से विधायकों के चुनावी खर्च फिर सुर्खियों में हैं। हालांकि, जिले के सातों विधायकों ने चुनाव आयोग की अधिकतम सीमा (25 लाख रुपये) को कोई न छू सका था। सवा साल पहले आयोग को यही हिसाब दिया गया था। निर्वाचन विभाग के मुताबिक शहर विधायक संजीव राजा ने सबसे कम (मात्र 10.26 लाख ही) प्रचार आदि पर खर्च किया था। दूसरे नंबर पर इगलास विधायक राजवीर दिलेर (10.47 लाख) रहे थे। खैर के अनूप वाल्मीकि ने 10.97 लाख रुपये का खर्च दिया था तो अतरौली विधायक व सूबे के शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह ने 12.78 लाख खर्च किए थे। छर्रा विधायक ने 13.67 लाख व कोल विधायक ने अनिल पाराशर ने 16.27 लाख खर्च किए थे। खर्च के मामले में बरौली विधायक ठा. दलवीर सिंह टॉप पर (19.37 लाख) रहे थे। विधायकों की संपत्ति की जांच हुई तो मामला पेचीदा भी हो सकता है।
--------सम्मन के बाद सीए की शरण में भाजपा विधायक दैनिक जागरण के मामला सामने लाने से सकते में समर्थक निर्वाचन आयोग के निर्देश पर आयकर विभाग कर रहा है खर्च की जांच
जिले के पांच विधायक दो माह बीतने पर भी नहीं दे सके जवाब, जारी हुए सम्मन जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : आयकर विभाग से भाजपा के पांच विधायकों को सम्मन जारी होने खबर के बाद उनकी किचन कैबिनेट के लोग मामले के मैनेजमेंट में जुट गए हैं। आयकर विभाग को जवाब दे चुके कोल विधायक अनिल पाराशर से भी कुछ ने संपर्क किया है, ताकि उनकी मदद से अपना जवाब बनवा सकें। कुछ विधायकों ने चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) की शरण ले ली है। दैनिक जागरण ने गुरुवार के अंक में 'आयकर विभाग ने पांच विधायकों को भेजा सम्मन' शीर्षक से खबर छापी थी।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
सीए अवन कुमार सिंह बताते हैं कि सम्मन प्रक्रिया के बाद आयकर विभाग जवाब के लिए एक मौका और देता है। इसमें पूछा जाता है कि जबाव न देने पर क्यों न कुल अघोषित संपत्ति पर 30 से 60 फीसद तक टैक्स व 100 से 300 फीसद तक का जुर्माना लगा दिया जाए? उन्होंने निजी राय दी कि अगर विधायकों को सम्मन मिल गया है तो उसका जल्द जवाब दे देना चाहिए। देरी की स्थिति में सख्त कार्रवाई संभव है। यह केस दायर होने जैसी भी हो सकती है।
-------- 10 लाख में संजीव राजा बन गए थे विधायक, सर्वाधिक 19 लाख खर्च किए दलवीर ने
जासं, अलीगढ़ : आयकर विभाग के सम्मन से विधायकों के चुनावी खर्च फिर सुर्खियों में हैं। हालांकि, जिले के सातों विधायकों ने चुनाव आयोग की अधिकतम सीमा (25 लाख रुपये) को कोई न छू सका था। सवा साल पहले आयोग को यही हिसाब दिया गया था। निर्वाचन विभाग के मुताबिक शहर विधायक संजीव राजा ने सबसे कम (मात्र 10.26 लाख ही) प्रचार आदि पर खर्च किया था। दूसरे नंबर पर इगलास विधायक राजवीर दिलेर (10.47 लाख) रहे थे। खैर के अनूप वाल्मीकि ने 10.97 लाख रुपये का खर्च दिया था तो अतरौली विधायक व सूबे के शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह ने 12.78 लाख खर्च किए थे। छर्रा विधायक ने 13.67 लाख व कोल विधायक ने अनिल पाराशर ने 16.27 लाख खर्च किए थे। खर्च के मामले में बरौली विधायक ठा. दलवीर सिंह टॉप पर (19.37 लाख) रहे थे। विधायकों की संपत्ति की जांच हुई तो मामला पेचीदा भी हो सकता है।
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