शहर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में बिना प्रसव किए हुआ लाखों का नुकसान Aligarh news
लाखों रुपये खर्च करने के बाद भी प्रसव नहीं हो पा रहे हैैं जबकि लेबर रूम के जरूरी उपकरण फर्नीचर व अन्य सामान खरीदने में हर साल 50 लाख रुपये से ज्यादा खर्च हो रहे हैं।
अलीगढ़ [ जेएनएन ] : शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (अर्बन पीएचसी) पर लाखों रुपये खर्च करने के बाद भी प्रसव नहीं हो पा रहे हैैं, जबकि लेबर रूम के जरूरी उपकरण, फर्नीचर व अन्य सामान खरीदने में हर साल 50 लाख रुपये से ज्यादा खर्च हो रहे हैं। हैरानी की बात ये है कि प्रसव कराने से बच रहे डॉक्टर व अन्य स्टाफ ने इस सामान को ही गायब कर दिया है या फिर कबाड़ में डाल दिया है। एसीएमओ से लेकर सीएमओ तक को पिछले दिनों निरीक्षण के दौरान कई केंद्रों पर सामान नजर नहीं आया।
389 आशा कर्मियों को भी पांच-पांच हजार रुपये की धनराशि
कई मदों से मिला बजट: अर्बन पीएचसी पर ओपीडी, प्रसव आदि के लिए सरकार ने खजाने का मुंह खोल रखा है। 2013-14 में शहर की 17 एचपीडी को अर्बन पीएचसी में बदला गया तो लेबर रूम व अन्य जरूरत का सामान खरीदने के लिए तीन-तीन लाख रुपये दिए गए। इसके बाद हर साल रोगी कल्याण समिति से एक-एक लाख व कंटीजेंसी मद में 96 लाख प्रति अर्बन पीएचसी मिल रहा है। जनपद में 389 आशा कर्मियों को भी पांच-पांच हजार रुपये की धनराशि सामान आदि खरीदने के लिए दी जाती है।
डॉक्टर व स्टाफ नर्स प्रसव करना ही नहीं चाहते
सीएमओ डॉ. गीता प्रधान व एसीएमओ डॉ. पीके शर्मा ने पिछले दिनों कई अर्बन पीएचसी का औचक निरीक्षण किया। कहीं भी प्रसव नहीं होते पाए गए। लाखों रुपये से खरीदा गया सामान भी गायब मिला। डॉक्टर व स्टाफ सामान के बारे में जानकारी नहीं दे पाया। सामान की खरीद में घालमेल की आशंका भी है। कई केंद्रों पर तो सामान कबाड़ में तब्दील हो रहा है, क्योंकि डॉक्टर व स्टाफ नर्स प्रसव करना ही नहीं चाहते। अफसर भी सबकुछ जानकर अनजान बने हैं।
निरीक्षण में खुली पोल
एसीएमओ,डॉ. पीके शर्मा,, ने कहा मैंने कई अर्बन पीएचसी का निरीक्षण किया। कहीं प्रसव की सुविधा नहीं मिली। सामान भी नहीं था। सीएमओ को रिपोर्ट दे दी है। सीएमओ, डॉ. गीता प्रधान और डिप्टी सीएमओ डॉ. दुर्गेश कुमार, नोडल अधिकारी ने कहा अर्बन पीएचसी की स्थिति खराब पाई गई हैं। बन्नादेवी पीएचसी पर प्रसव की सुविधा नहीं मिली। अर्बन कोऑर्डिनेटर व नोडल अधिकारी से जवाब भी मांगा है। सामान तो सभी पीएचसी पर खरीदा गया है, मगर लेबर रूम शुरू नहीं हो पाए। बन्नादेवी के एक कक्ष में कई केंद्रों का सामान रखा है।