विश्व योग दिवस पर दिया स्वास्थ्य और शांति का संदेश Aligarh news
आज कोविड महामारी में योग ने पूरे विश्व का होलिस्टिक तरीके से स्वस्थ और प्रसन्न रहने का संदेश दिया है। हम विपरीत परिस्थितियों में भी योग की तकनीक से स्वस्थ और खुश रह सकते हैं। आसन प्राणायाम और ध्यान का नियमित अभ्यास हमें स्वस्थ जीवनशैली दे सकता है।
अलीगढ़, जेएनएन । आज कोविड महामारी में योग ने पूरे विश्व का होलिस्टिक तरीके से स्वस्थ और प्रसन्न रहने का संदेश दिया है। हम विपरीत परिस्थितियों में भी योग की तकनीक से स्वस्थ और खुश रह सकते हैं। आसन, प्राणायाम और ध्यान का नियमित अभ्यास हमें स्वस्थ जीवनशैली दे सकता है। यह बातें इगलास के राजकीय आयुर्वेदिक हॉस्पिटल स्थित योगवेलनेस केंद्र के योगाचार्य वैद्य राघवेन्द्र शर्मा ने कहीं।
योग से बढ़ती हैै इम्युनिटी पावर
उन्होंने बताया कि मनोशारीरिक स्तर को स्वस्थ रखने के लिए आठ आसन जिसमें शरीर को आगे-पीछे एवं साइड में झुकने और मोड़ने वाले आसन, संतुलन तथा शरीर को उल्टा करने और आरामदायक तथा ध्यानात्मक आसनों का चुनाव करना होता है। जिसमें ताड़ासन, त्रियकताड़ासन, कटिचक्रासन, पवन मुक्तासन, विपरीतकर्णी, हलासन, भुजंगासन, शलभासन, धनुरासन, वक्रासन, वज्रासन, शवासन का मुख्य अभ्यास के साथ शरीर शोधन की क्रिया कपालभांति व अनुलोम-विलोम, उज्जायी और भ्रामरी प्राणायाम करने चाहिए। इन अभ्यासों से शरीर के सभी तंत्रों का संचालन और मर्दन हो जाता है और शरीर की इम्युनिटी पावर बढ़ जाती है, जो हमें रोगों से बचाती है, स्वस्थ रखती है, यही योग का उद्देश्य है।
स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है
इगलास के एलबीके पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल में विश्व योग दिवस योगाभ्यास करके मनाया गया। जिसमें ऑनलाइन शिक्षार्थी व शिक्षकों ने योगाभ्यास करके योग संदेश दिया। योगाभ्यास कार्यक्रम में ऑनलाइन शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्र-छात्राओं को विभिन्न एप के द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। जिसमें बच्चों ने शिक्षकों की योगाभ्यास का अनुकरण किया तथा विभिन्न मुद्राओं में छायाचित्र खींच कर “करो योग भगाओ रोग” का संदेश दिया। विद्यार्थियों ने जन जागृत जन जागरण हेतु विभिन्न प्रकार के पोस्टर, आर्ट, लेख, स्लोगन भी लिखे। हिंदी शिक्षक राजेश कुमार ने विद्यार्थियों को पौराणिक ऋषि मुनियों के योगाभ्यास व उनके जीवन दर्शन से जुड़ी कहानियां सुना कर योग को जीवन के अंश से जोड़ने का संदेश दिया। शुभम शर्मा ने पहला सुख निरोगी काया के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आधुनिक युग भागदौड़ भरी जिंदगी में यदि सुख की कामना करना चाहते हो तो योग का सहारा लेना होगा। प्रधानाचार्य रुबीना शाहीन ने अपने वक्तव्य में छात्र-छात्राओं व शिक्षकों को पर्व की शुभकामनाएं दी तथा कोरोना काल में योग के महत्व को प्रतिपादित करते हुए कहा कि छात्र-छात्राओं को शिक्षा के साथ-साथ योगाभ्यास को अपने जीवन काल से जोड़ना होगा तभी सफलता प्राप्त कर सकेंगे। क्योंकि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है। इस अवसर पर ऑनलाइन कक्षाएं संचालित कर रहे अध्यापकों सहित छात्र-छात्राओं ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज की।