Legal Literacy Camp : मानसिक विकलांगता स्वाभाविक बीमारी, यह अभिशाप या कलंक की बात नहीं
राजकीय जिला बागला संयुक्त चिकित्सालय हाथरस में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन जनपद न्यायाधीश अध्यक्ष मृदुला कुमार के आदेशानुसार आजादी का अमृत महोत्सव के दौरान जिला विधिक सेवा प्राधिकरण हाथरस की सचिव चेतना सिंह की अध्यक्षता में किया गया।
हाथरस, जागरण संवाददाता । राजकीय जिला बागला संयुक्त चिकित्सालय, हाथरस में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन जनपद न्यायाधीश, अध्यक्ष मृदुला कुमार के आदेशानुसार आजादी का अमृत महोत्सव के दौरान जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, हाथरस की सचिव चेतना सिंह की अध्यक्षता में किया गया, जिसमें मानसिक रूप से पीड़ित विकलांगों तथा व्यथित व्यक्तियों को मनोवैज्ञानिक चिकित्सीय तथा विधिक मार्गदर्शन दिया गया।
मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति के सम्मान को किया प्रेरित
अध्यक्षीय उद्बोधन में चेतना सिंह ने मानसिक रूप से व्यथित व्यक्तियों को सामान्य व्यक्तियों के समान विधिक अधिकारों पर प्रकाश डाला तथा कहा कि यह एक बीमारी होती है, जो उपचार योग्य है। मानसिक रूप से व्यथित व्यक्तियों के परिवारीजन को उनके प्रति सदभावना और सेवा की भावना रखते हुए उनका ध्यान रखना चाहिए उचित उपचार सुयोग्य चिकित्सकों के मार्गदर्शन में उपचार कराने से उनकी व्यथा निवादित हो सकती है। मानसिक अस्वस्थ व्यक्तियों को सभ्य समाज में अलग-थलग न करके उन्हें पूरा स्नेह और सम्मान करने पर बल देते हुए युवाओं और बुजुर्गो को सामंजस्यपूर्वक मानसिक अस्वस्थ व्यक्तियों की सेवा करने हेतु प्रेरित किया। उन्होने कहा कि मानसिक अस्वस्थ व्यक्तियों को स्नेह की दृष्टि से देखने तथा उनकी मान-माल और संपति की रक्षा के लिये विधिक अधिकारों का ज्ञान प्राप्त करना चाहिए। इसके अतिरिक्त उन्होंने कहा कि प्राधिकरण का मुख्य उद्देश्य लोगों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना है।
धीरे-धीरे पनपती है मानसिक बीमारी
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. सीएम चतुर्वेदी ने अपने वक्तव्य में कहा कि मानसिक बीमारी एक ऐसी बीमारी है जो धीरे-धीरे पनपती है यदि व्यक्ति के व्यवहार में परिर्वतन आने लगे तो यह समझ लेना चाहिए कि उसे कोई मानसिक परेशानी है। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. सूर्यप्रकाश ने कहा कि जिला अस्पताल में मानसिक रोगी व्यक्तियों के लिए तीन चिकित्सक की टीम बनी हुई है जो सोमवार से लेकर बुधवार तक जिला चिकित्सालय में तथा शेष दिनों में जनपद में अन्य सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर व्यक्तियों को चिकित्सा उपलब्ध कराते हैं। मनोवैज्ञानिक डा. रिंकी लकड़ा ने अपने वक्तव्य में मानसिक विकलांगता को स्वाभाविक बीमारी बताया और कहा कि यह कोई अभिशाप या कलंक की बात नहीं है। शासन की ओर से जिला हाथरस में मनो चिकित्सा कक्ष स्थापित किया हुआ है, जहॉं किसी भेदभाव के निश्शुल्क उपचार उपलब्ध है। मानसिक बीमारी के लक्षण बताते हुये बताया कि नींद नहीं आना अथवा ज्यादा नींद आना, डिप्रेशन में चले जाना, मानसिक तनाव, याददाश्त में कमी, गुस्सा ज्यादा आना आदि लक्षण बताए गए।
हर व्यक्ति को समानता का अधिकार
वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश कुमार शर्मा ने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में प्रत्येक व्यक्ति को समानता का अधिकार प्राप्त है। उन्होंने यह भी बताया कि किसी भी मानसिक व्यक्ति को यदि कोई परेशानी है तो वह जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से सम्पर्क स्थापित कर सकता है। विधिक साक्षरता शिविर का संचालन करते हुए डा. चतुर सिंह ने बताया कि 1992 में मानसिक स्वास्थ्य दिवस की शुरूआत की गयी तब से प्रत्येक वर्ष 10 अक्टूबर को मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि परिवार का कोई भी सदस्य यदि डिप्रेशन जा रहा है तो उसे अकेला नहीं छोड़ना चाहिए। इसके अतिरिक्त वहां पर उपस्थित जनता को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, हाथरस व जिला चिकित्सालय की ओर से पंपलेट्स भी वितरित किये गए। इसके अतिरिक्त तहसील सिकंदराराऊ में तहसीलदार, सचिव तहसील विधिक सेवा समिति सुशील कुमार ने निर्देशन में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, सिकंदराराऊ में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस का आयोजन कर जनता को विधिक जानकारी उपलब्ध कराई गई।