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कोरोना की दूसरी लहर से ठिठक गया बाजार, पस्त हो गए कारोबारी Aligarh news

कोरोना के दूसरे आक्रमण से बाजार ठिठक गया है। ताला हार्डवेयर व आर्टवेयर के नए आर्डर मिल नहीं रहे। पुराने कैंसिल हो रहे हैं। एक सप्ताह में 10 करोड़ करोड़ से अधिक के आर्डर कैंसिल हुए है। विभन्न कंपनियों के सप्लायर टूर पर नहीं जा रहे।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Mon, 19 Apr 2021 09:47 AM (IST)Updated: Mon, 19 Apr 2021 09:47 AM (IST)
कोरोना के चलते ताला-हार्डवेयर व आर्टवेयर कारोबार की भी चमक फीकी पड़ती जा रही है।

अलीगढ़, जेएनएन । कोरोना के दूसरे आक्रमण से बाजार ठिठक गया है। ताला, हार्डवेयर व आर्टवेयर के नए आर्डर मिल नहीं रहे। पुराने कैंसिल हो रहे हैं। एक सप्ताह में 10 करोड़ से अधिक के आर्डर कैंसिल हुए है। विभन्न कंपनियों के सप्लायर टूर पर नहीं जा रहे। आन लाइन या वर्चुअल मीटिंग में दूसरे शहरों से लाकडाउन के कारण सप्लाई न देने की मनाही हो रही है।

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कोरोना संकट में घनघोर संकट

पिछले एक साल व एक माह से कोरोना संकट का घनघोर संकट चल रहा है। इससे ताला-हार्डवेयर व आर्टवेयर कारोबार की भी चमक फीकी पड़ती जा रही है। इन उत्पादनों की बाजार में पिछले एक सप्ताह से डिमांड ही धराशाही हो गई है। बुक माल के आर्डर कैंसिल हो रहे हैं। विभिन्न कंपनियों के एजेंटों की आन लाइन या वर्चुअल मीट में कोई भी देशी उद्यमी सुनने को तैयार नहीं है। एक सप्ताह से तो बाजार ठिठक ही गया है। गत नवंबर से मार्च तक ताला, हार्डवेयर व आर्टवेयर के कच्चे माल से उद्यमी त्रस्त था। कई ब्रांडेड कंपनियों के सप्लायर अन्नु सिंधी का कहना है कि साउथ के कई राज्यों में कोरोना संकट की मारामारी है। बिहार व पंजाब से मेरे एक सप्ताह में पांच लाख रुपये के माल के बुक आर्डर कैंसिल हुए हैं। उद्यमियों ने कुछ आर्डर रोक भी दिए हैं। पिछले एक साल से आवागमन का रास्ता सुगम है नहीं, डिस्ट्रीब्यूटर्स आर्डर देने से मनाही कर रहे हैं।

चाबी बनाने के आर्डर कैंसिल

चाबी निर्माता राज उपाध्याय का कहना है कि तीन लाख रुपये के चाबी बनाने के आर्डर कैंसिल हो गए हैं। पांच लाख रुपया का आर्डर रोक दिए गए हैं। ताला-हार्डवेयर निर्माताओं ने फरवरी में आर्डर दिए थे। अप्रैल में नए सिरे से कंपनियां आर्डर देती है। अभी तक नए वित्तीय साल के लिए एक भी नया आर्डर नहीं आया है। एक्सपोर्ट यूनिट के मालिक नीरज अग्रवाल ने कहा कि कारोबार की हालत बेहद खराब है। कई एक्सपोटर्स ने अपने आर्डर कैंसिल कर दिए है। परदेश में जाने वाला माल रोक दिया गया है। लाकडाउन के चलते 10 लाख रुपया के आर्डर रोक दिए गए हैं। तमाम आर्डर कैंसिल भी हो रहे हैं। फैक्ट्री में उत्पादन भी गिरा है। कारीगर कम आ रहे हैं।


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