प्यार से हारी 'ममता', पति और बच्चों की तरफ देखा भी नहीं Aligarh News
पिता और बाबा के साथ आए दोनों बच्चे मां को तब तक टकटकी लगाए देखते रहे जब तक वह आंखों से ओझल नहीं हो गई।
अलीगढ़ (जेएनएन)। तहसील खैर में प्रेम दीवानी अनुदेशक अपने दो बच्चों को बिलखता छोड़ प्रेमी के भाई के साथ चली गई। पिता और बाबा के साथ आए दोनों बच्चे मां को तब तक टकटकी लगाए देखते रहे जब तक वह आंखों से ओझल नहीं हो गई। प्यार से 'ममता' की हार होती देख उस समय हर कोई एक पल महिला तो दूसरे पल दोनों बच्चों को निहार रहा था। तीन दिन पुलिस हिरासत में रही महिला के कोर्ट में हुए थे। प्रेमी के साथ रहने की इच्छा जताने पर गुरुवार को पुलिस ने उसे प्र्रेमी के भाई के सुपुर्द कर दिया। इस दौरान महिला के पति, ससुर व भाई की आंखें भी नम थीं।
यह है मामला
बता दें कि 15 नवंबर को बांकनेर स्थित पूर्व माध्यमिक विद्यालय से लौटते समय अनुदेशक का हथियारों के बल पर कार सवार युवकों ने अपहरण कर लिया था। इस मामले में अनुदेशक की सास ने अज्ञात के खिलाफ अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया था। जांच पड़ताल व कॉल डिटेल में मामला प्रेम प्रसंग निकला था। तीसरे दिन 17 नवंबर की रात अनुदेशक व उसके प्रेमी व दो अन्य को कोतवाली पुलिस ने पानीपत से गिरफ्तार किया था। दूसरे दिन पुलिस ने प्रेमी रवि कुमार व साथी नीरज चौधरी व रवि पाठक को अपहरण के आरोप में जेल भेजा था। इस दौरान महिला का डाक्टरी परीक्षण की बात हुई लेकिन उसने कहा था कि अपना डाक्टरी परीक्षण नहीं कराएगी। कोर्ट में पेश करने पर मंगलवार को उसके बयान नहीं हो सके थे। बुधवार को फिर बयानों के लिए अनुदेशक को कोर्ट में पेश किया गया, जहां उसने प्रेमी के साथ जाने व रहने की इच्छा व्यक्त की थी।
प्रेमी के भाई को महिला की सुपुर्द
गुरुवार को कोतवाली पुलिस ने कोर्ट के आदेश के अनुपालन में अनुदेशक को जिला कारागार में बंद प्रेमी रवि कुमार के भाई जोगेंद्र सिंह निवासी बिलखौरा के सुपुर्द कर दिया। प्रेमी के भाई के साथ जाते समय अनुदेशक के बच्चे आंखों में आंसू लिए अपनी मां को दूर तक जाते हुए देखते रहे।
ससुर ने बहू को मनाया
कोर्ट से निकली अनुदेशक से उसके ससुर ने कुछ देर बातें कीं। बेटा व दो नातियों का हवाला दिया फिर भी महिला पर कोई असर नहीं हुआ।
पति की तरफ निहारा भी नहीं
प्रेमी के भाई साथ जाते वक्त आठ साल तक पत्नी के रूप में रहने वाली अनुदेशक से पति ने बात करने की कोशिश की लेकिन उसने उसकी ओर निहारा भी नहीं। पति यह कहता हुआ दोनों बच्चों को लेकर चला गया कि पहले भी तेरी मर्जी थी। अब भी तेरी मर्जी है। सीओ खैर संजीव दीक्षित ने बताया कि महिला अपनी मर्जी से प्रेमी के घर जाना चाहती थी। उसे प्रेमी के भाई के सुपुर्द कर दिया है। बाकी विवेचना जारी है।