Aligarh news अपने बचपन में खोईं दादी, नातिन संग मिला रहीं ताल
समय के चक्र ने हर किसी को पुरानी यादों में लौटा दिया है। एक दादी तो इन दिनों अपनी नातिन के साथ क्लासिकल डांस में ताल मिलाकर अपना बचपन ढूंढ रही हैं।
अलीगढ़ जेएनएन : समय के चक्र ने हर किसी को पुरानी यादों में लौटा दिया है। एक दादी तो इन दिनों अपनी नातिन के साथ क्लासिकल डांस में ताल मिलाकर अपना बचपन ढूंढ रही हैं। दूरदर्शन पर रामायण और महाभारत सीरियल भी खुशी और बचपन की यादें ताजा कर रहे हैं। तमाम ऐसे लोग हैं, जो घरों में बोर होने की अपेक्षा ख्वाहिशें पूरी करने में लगे हैं। कह रहे हैं कि क्यूं वक्त को बोझ समझें, जीभर के जीएं।
नातिन से सीख रहींं डांस
इन्हीं में से एक हैं बी-दास कंपाउंड निवासी प्रमिला गर्ग। वे इन दिनों अपनी नातिन सांची गर्ग से इस समय क्लासिकल डांस सीख रहीं हैं। सातवीं की छात्रा सांची ने मीनाक्षी नागपाल से क्लासिकल सीखा है। अब देश में तमाम बड़े मंचों पर बेहतरीन प्रस्तुति दे रही हैं। प्रमिला कहती हैं कि उनका बचपन से ही नृत्य सीखने का मन था, लेकिन तब पाबंदियां बहुत थीं। लड़कियों को घरों से निकलना मुश्किल होता था। इसलिए संकोच में माता-पिता से कह नहीं पाती थी। मगर, अब मेरी वह ख्वाहिश नातिन ने पूरी कर दी। सांची कच्चा तीन से ही डांस सीखने लगी थी। उसे डांस क्लासेज ले जाती थी तो मन में तमाम बातें उमड़ती। मगर, सांची को देखकर खुश हो जाती थी। सांची पांचवीं तक देश के तमाम बड़े महोत्सव में जाने लगी। मुझे लगता कि ये मेरे सपने सच कर रही है। अब लॉकडाउन के चलते घर से निकलना नहीं हो पा रहा है। ऐसे में मैं सांची के साथ डांस सीख रही हूं। वह मुझे डांस की बारीकियां बताती है। स्टैप गलत होता है तो कहती है दादी इतनी बड़ी होकर भी आप सीख नहीं पाती हैं, तब मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहता। बोलती हूं, हां मेरे मास्टर बताओ मुझे कैसे करना है? सांची के दादा भी फुर्सत में डांस देखते हैं और खिलखिलाकर हंस पड़ते हैं। हालांकि, इसके पापा-मम्मी ऐसे बोलने पर डांट लगाते हैं। पर, मुझे तो लग रहा है कि जैसे मेरा बचपन लौट आया। सांची के साथ समय बिताना बहुत अच्छा लगता है। प्रमिला कहती हैं कि सभी को लॉकडाउन का पालन करना चाहिए। घर में कुछ न कुछ इस प्रकार करते रहना चाहिए।