Move to Jagran APP

लोहिया आवास अभी भी पड़े हैं अधूरे

सब हैड-वित्तीय वर्ष 2016-17 में जिले में कुल 79

By JagranEdited By: Published: Sat, 21 Apr 2018 08:00 AM (IST)Updated: Sat, 21 Apr 2018 08:00 AM (IST)
लोहिया आवास अभी भी पड़े हैं अधूरे
लोहिया आवास अभी भी पड़े हैं अधूरे

जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : सपा सरकार में गरीबों के लिए आवंटित किए गए लोहिया आवासों का निर्माण दो साल में भी पूरा नहीं हो पाया है। शासन स्तर से किस्त देरी से मिलने के कारण निर्माण कार्य अधूरे पड़े हुए हैं। अब जिला स्तरीय अफसरों ने बीडीओ के माध्यम से पूरी रिपोर्ट मांगी है। इसके बाद जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई तय होगी।

loksabha election banner

ड्रीम प्रोजेक्ट में थी शामिल : राममनोहर लोहिया आवास योजना पूर्व सीएम अखिलेश यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल थी। इसके तहत बेघर लोगों को आवास उपलब्ध कराया जाना था। इसमें कुल 2.75 लाख रुपये की धनराशि तय थी। एक सोलर लाइट, शौचालय एवं 90 दिनों का मनरेगा से रोजगार दिवस दिए जाने का नियम था।

798 लोगों का चयन : वित्तीय वर्ष 2016-18 में कुल 778 लोगों का इस योजना में चयन किया गया था। उसी दौरान सभी लाभार्थियों की 1.37500 रुपये की एक-एक किस्त जारी कर दी गई। निर्माण भी शुरू हो गया। इसके बाद चुनाव आ गए और प्रदेश में सरकार बदल गई। भाजपा ने सत्ता संभालने के चार महीने बाद तक इस योजना में कोई बजट नहीं दिया। इसके बाद जुलाई माह में आधे के करीब बजट दिया गया। ऐसे में जिले के करीब 500 लाभार्थियों को दूसरी किस्त दे दी गई। इसके बाद भी अधिकांश निर्माण अभी भी अधूरे पड़े हैं।

नहीं मिली सोलर लाइट : चयन के दो साल से अधिक समय बीत चुका है। लेकिन, किसी भी लाभार्थी को अभी तक सोलर लाइट नहीं मिली है। जबकि बीच में सोलर लाइट देने का नियम है। ऐसे में इन लोगों को अंधेरे में रहना पड़ रहा है। इसके अलावा लाभार्थियों को मनरेगा रोजगार दिवस भी नहीं मिले है। इनका कहना है::

राममनोहर लोहिया आवास निर्माण के संबंध में बीडीओ से रिपोर्ट मांगी गई है। कुछ लोगों की शिकायत जरूरत मिली है। रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई होगी।

सचिन, परियोजना निदेशक, डीआरडीए

--

इनसर्ट ही::

पैसे लेकर चले गए शहर,

अफसर कर रहे इंतजार

पिछले दो साल में केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 1198 लोगों का चयन किया गया। एक आवास के लिए 1.20 लाख रुपये की धनराशि मिलती है। सभी के लिए पूरा बजट जारी कर दिया गया। लेकिन, इनमें दर्जनों निर्माण अधूरे पड़े है। इनमें 20 के करीब लोग तो ऐसे भी हैं, जो पैसे लेकर शहर चले गए। निर्माण ऐसे ही छोड़ गए। अब अफसर इनका इंतजार कर रहे हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.