Locust attack on Aligarh: अलीगढ़ की राह से भटका टिड्डी दल, इटावा से मुरैना की ओर गया दल
हवा का रुख न बदलता तो बुधवार को भी टिड्डी दल अलीगढ़ में हमला बोल देता। इस इल के हाथरस के रास्ते इगलास होकर जिले में प्रवेश करने की संभावना थी। कृषि विभाग की टीमें सर्तक हो गईं।
अलीगढ़ [जेएनएन]: हवा का रुख न बदलता तो बुधवार को भी टिड्डी दल अलीगढ़ में हमला बोल देता। इस इल के हाथरस के रास्ते इगलास होकर जिले में प्रवेश करने की संभावना थी। कृषि विभाग की टीमें सर्तक हो गईं। सैटेलाइट के जरिए टिड्डियों की लोकेशन ट्रैस की जाने लगी। टिड्डियों के रास्ते बदलने पर अफसरों ने राहत की सांस ली।
हवा का रुख इसी ओर था
टिड्डी दल के हमले शनिवार से लगातार हो रहे थे। मंगलवार को भी बुलंदशहर के रास्ते आयी टिड्डियों ने हमला किया था। किसानों की सर्तकता और कृषि अफसरों की सक्रियता से टिड्डियां बिना कोई नुकसान पहुंचाए कासगंज की सीमा में प्रवेश कर गईं। बुधवार को टिड्डियों के एक दल के जिले में आने की संभावना थी। जिला कृषि रक्षा अधिकारी डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि कानपुर से सोमवार को दो टिड्डी दल निकले थे। इनमें एक दल मंगलवार को इटावा पहुंच गया। इसी दल के हाथरस से इगलास में आने की संभावना थी। हवा का रुख भी इसी ओर था।
कोई नुकसान नहीं हुआ
टीमें सर्तक कर दी गईं। हाथरस की सीमा में प्रवेश करने से पहले ही हवा का रुख बदला और टिड्डियां जसवंत नगर होते हुए मुरैना की ओर बढ़ गईं। उन्होंने बताया कि सैटेलाइट के जरिए टिड्डियों पर नजर रखी जा रही है। हमले से पहले ही किसानों को सर्तक कर टीमें मौके पर रवाना हो जाती हैं। यही वजह है कि अभी तक कोई नुकसान नहीं हुआ है।