Lockdown 4: सस्पेंड होने के बाद फरार हुआ दारोगा, रिश्वत में शामिल बेखौफ हैं साथी Aligarh News
थाना गौडा में बैठकर रिश्वत लेने पर सस्पेंड हुआ दारोगा दूसरे दिन भी फरार रहा। फोन बंद था।
अलीगढ़[जेएनएन]: थाना गौडा में बैठकर रिश्वत लेने पर सस्पेंड हुआ दारोगा दूसरे दिन भी फरार रहा। फोन बंद था। पुलिस उसे ढूंढ नहीं सकी। वहीं, वीडियो में सामने आए नाम मनोज व ड्राइवर को लेकर भी सवाल खड़े हो गए हैं कि ये लोग कौन हैं? दारोगा ने बार-बार इनके नाम लिए थे, लेकिन ये बेखौफ नौकरी कर रहे हैं।
यह है मामला
दरअसल, थाना गौंडा की नगला बिरखू चौकी का प्रभारी राजकुमार लंबे समय से इलाके में अवैध खनन करवा रहा है। इसके लिए लोगों से वसूली करता था। गुरुवार को इसका वीडियो वायरल होने पर एसएसपी ने दारोगा को निलंबित कर दिया। वीडियो में लक्ष्मण नामक शख्स दारोगा को आठ हजार रिश्वत दे रहा था। साथ ही अवैध खनन को लेकर महीनादारी, एसओ का हिस्सा आदि की चर्चाएं भी हुईं। इस पर दारोगा के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया।
रिश्वत में ये भी हैं शामिल
एसएसपी मुनिराज ने दारोगा की गिरफ्तारी के आदेश दिए। मगर शुक्रवार को दारोगा नहीं मिला। उसका फोन बंद था। दूसरी तरफ वीडियो में दारोगा ने कई बार ड्राइवर और मनोज का नाम लिया है। दोनों कौन है? अभी तक इस बारे में भी पता नहीं चल सका है। दारोगा वीडियो में कहता दिख रहा है कि ड्राइवर से मेरी 10 हजार की बात हुई थीं, जबकि तुम आठ हजार दे रहे हो। इसी तरह दारोगा ने एक युवक का नाम लिए बिना कहा कि वो अपनी गाड़ी चलवाने के लिए कहता था कि एसओ साहब से बात कर लो। मनोज से बात कर लो। मनोज कहते हैं कि मुझसे ही बात मत करो। अब तुम समझ रहे हो क्यों। क्योंकि मेरे अंदर स्वच्छता है। अब सवाल है कि मनोज कौन है? क्या मनोज कोई महकमे का ही है?
होगी कार्रवाई
एसपी देहात अतुल शर्मा का कहना है कि अब तक की जांच में सामने आया है कि एसआइ राजकुमार एसओ समेत अलग-अलग लोगों के नाम पर रुपये लेता था। विवेचना में जो भी सामने आएगा, उसी आधार पर आगे की कार्रवाई होगी।