अलीगढ़ में बुजुर्गों के स्पेशल क्लीनिक पर लटका ताला, जानिए वजह
चुनाव आचार संहिता लागू होने से पूर्व बुजुर्गों के स्पेशल क्लीनिक का मंडलायुक्त से आनन-फानन उद्घाटन करा दिया गया।
अलीगढ़ (जेएनएन)। चुनाव आचार संहिता लागू होने से पूर्व बुजुर्गों के स्पेशल क्लीनिक का मंडलायुक्त से आनन-फानन उद्घाटन करा दिया गया। विडंबना देखिए, बुजुर्गों को 24 घंटे मुफ्त इलाज की सुविधा के लिए खोले गए क्लीनिक पर अब ताला लटक गया है। वजह, क्लीनिक के लिए आज तक चिकित्सकों की नियुक्ति नहीं हुई है।
ये था सरकार का दावा
नेशनल प्रोग्राम हेल्थ केयर एल्डर्ली (एनपीएचसीई) के 10 बेड की जेरियाट्रिक क्लीनिक की ओपीडी में कैंसर, डायबिटीज, उच्च रक्तचाप, स्ट्रोक, पैरालाइसिस समेत उम्र बढऩे के साथ होने वाली बीमारियों की जांच व इलाज होना था। इलाज के लिए दो विशेषज्ञ डॉक्टर, दो फार्मासिस्ट, छह नर्स, दो अटेंडेंट, फिजियोथेरेपिस्ट काउंसलर व अन्य स्टाफ की नियुक्ति का दावा किया गया। हालांकि, वेंटीलेटर के साथ मल्टी चैनल पैरामीटर, ट्रैक्शन मशीन, पेल्विक मशीन, सर्वाइकल ट्रैक्सन, मॉनोफेजिक टेफीलेटर, ग्लोकोमीटर, वॉल्कर एडजस्टेबल, नेबुलाइजर, ट्रांस इम्युनिज्म सिस्टम आदि उपकरण जरूर खरीद लिए गए।
ये है सच
क्लीनिक के लिए वेंटीलेटर व अन्य उपकरण तो खरीद लिए गए हैं, अभी तक बुजुर्गों को देखने के लिए स्पेशलिस्ट नहीं मिले हैं। कुछ स्टाफ मिला भी है, उसे दीनदयाल अस्पताल प्रबंधन ने अपने यहां लगा लिया है। ऐसे में 50 लाख रुपये से ज्यादा खर्च कर बनाए गए इस क्लीनिक पर ज्यादातर समय ताला ही लटका रहता है। कई बार सुबह कर्मचारी दिखावे के लिए ताला खोलकर चले जाते हैं और दो बजे पुन: बंद करने लौटते हैं। ये हालत देख यहां कोई मरीज आता ही नहीं, यदि आता भी है तो ताला लटका देख वापस लौट जाता है।
नहीं मिले चिकित्सक
सीएमएस डॉ याचना शर्मा का कहना है कि क्लीनिक के लिए अभी तक चिकित्सक नहीं मिले हैं। एनसीडी क्लीनिक या अस्पताल के चिकित्सक ही मरीज देख रहे हैं। देखरेख होती रहे, इसलिए भर्ती भी हम अपने यहां कर रहे हैं।