एशियन गेम्स में शामिल हुआ खो-खो, चमकेंगे माटी के लाल
भारतीय खेल खो-खो को ओलंपिक काउंसिल ऑफ एशिया (ओसीए) ने मान्यता देते हुए इसको एशियन गेम्स में शामिल कर लिया है।
अलीगढ़ (जेएनएन): भारतीय खेल खो-खो को ओलंपिक काउंसिल ऑफ एशिया (ओसीए) ने मान्यता देते हुए इसको एशियन गेम्स में शामिल कर लिया है। 2021 में होने वाले एशियन गेम्स में खो-खो खेल भी खेला जाएगा। खो-खो फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष राजीव मेहता ने 2014-15 में इसका प्रस्ताव रखा था। उनके प्रयासों से 2019 में सफलता मिली है। कबड्डी के बाद खो-खो दूसरा भारतीय खेल है, जिसे एशियन गेम्स में स्थान मिला है।इस फैसले से जिला खो-खो संघ व खिलाडिय़ों में खुशी है। जिला खो-खो संघ सचिव वलीउज्जमा खान ने कहा कि अब मिट्टी के बजाय मैट पर प्रशिक्षण देने की व्यवस्था की जा रही है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मैट पर ही खो-खो टूर्नामेंट होगा। इसमें करीब चार लाख रुपये खर्च आएगा। अलीगढ़ में 55 बालक व 35 बालिका खिलाड़ी खो-खो में पंजीकृत हैं। यूपी खो-खो एसोसिएशन के महासचिव विनोद सिंह ने कहा कि राजीव मेहता के लंबे संघर्ष के बाद सफलता मिली है। अगले एशियन गेम्स में पदकों की भी उम्मीद बढ़ गई है।साथ ही जिला खो-खो संघ के सचिव वलीउज्जमा खान बोले कि खो-खो को एशियन गेम्स में शामिल करना खुशी की बात है। मैट पर प्रशिक्षण की व्यवस्था करा रहे हैं। अलीगढ़ भी देश को मेडल दिलाएगा।
विदेशों में बढ़ेगा क्रेज
खो-खो भारत के साथ इंग्लैंड, श्रीलंका, मलेशिया, नेपाल, पाकिस्तान आदि में भी खेला जाता है। एशियन गेम्स में शामिल होने से अन्य यूरोपीय देशों में भी इसका क्रेज बढ़ेगा। एशियन खेलों में 45 से ज्यादा देश भाग लेते हैं। वहां भी खो-खो टीम तैयार होंगी।
सर्वोपयोगी कॉलेज में प्रशिक्षण
सचिव वलीउज्जमा ने बताया कि सर्वोपयोगी इंटर कॉलेज पलसेड़ा में मैट पर प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस खेल में शहर की बजाय ग्रामीण प्रतिभाएं ज्यादा हैं। पलसेड़ा क्षेत्र से कई अच्छे खिलाड़ी निकले हैं। यहां 16 गुणा 27 मीटर का कोर्ट तैयार है। कोर्ट के चारों ओर एक मीटर अतिरिक्त जगह छोड़ी गई है। यहां 18 गुणा 30 मीटर में मैट लगेगी। इसमें करीब 525 मैट लग जाएंगी।