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Karwa Chauth Moonrise Time in Aligarh : करवा चौथ पर हर जगह रौनक, जाने अलीगढ़ में कब दिखेगा चांद

करवा चौथ पर पति की लंबी उम्र के लिए महिलाओं ने सुबह से निर्जला व्रत रखा। जैसे-जैसे शाम रात की ओर बढ़ती गई वैसे वैसे महिलाओं ने श्रृंगार करना शुरू कर दिया। ज्‍योतिषियों के अनुसार अलीगढ़ में पूजन का सामय शाम 702 से 815 तक निर्धारित किया है।

By Sandeep SaxenaEdited By: Published: Wed, 04 Nov 2020 07:12 PM (IST)Updated: Wed, 04 Nov 2020 07:12 PM (IST)
Karwa Chauth Moonrise Time in Aligarh : करवा चौथ पर हर जगह रौनक, जाने अलीगढ़ में कब दिखेगा चांद
ज्‍योतिषियों के अनुसार अलीगढ़ में पूजन का सामय शाम 7:02 से 8:15 तक निर्धारित किया है।

अलीगढ़, जेएनएन। करवा चौथ पर पति की लंबी उम्र के लिए महिलाओं ने सुबह से निर्जला व्रत रखा। जैसे'-जैसे शाम रात की ओर बढ़ती गई, वैसे' वैसे महिलाओं ने श्रृंगार करना शुरू कर दिया। सिंदूर से चमकती मांग, माथे पर दमकती बिंदिया, पैरों में महावर-बिछिया, हाथों में सुहाग का चूड़ा व मेहंदी रचाकर सोलह श्रृंगार के साथ सुहागिन महिलाओं ने करवा चौथ का पूजन किया। ज्‍योतिषियों के अनुसार अलीगढ़ में पूजन का सामय शाम 7:02 से 8:15 तक निर्धारित किया है। ज्‍योतिषयों का मानना है इसी दरमियान चंद्र उदय होगा।  

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पति की दीर्घायु के लिए महिलाएं उत्‍साहित

आस्था व प्रेम के पर्व पर पति की दीर्घायु की कामना के लिए सुहागिनें उत्साहित हैं। सुबह से व्रत रख रहीं महिलाएं पूजन के बाद चांद का दीदार करेंगी। इस पर्व पर सुहागिनें प्रेम, समर्पण व त्याग का परिचय देती हैं। उनके प्रेम का साक्षी चांद होता हैं, जिसे देखने के बाद ही पति के हाथों जल पीकर व्रत खोलेेंगी। खास बात यह है कि करवा चौथ पर्व को यादगार बनाने के लिए महिलाएं कोई कसर नहीं छोड़ी। सुबह से तैयारियां की गईं। खुद को संवारने के साथ बाजार में खरीदारी की। पूजन के लिए खांड़, करवा, श्रृंगार सामग्री खरीदी। वैदिक ज्योतिष संस्थान के प्रमुख स्वामी पूर्णानंदपुरी बताते हैं कि बुधवार को करवा चौथ पर तीन योग बन रहे हैं। सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि व चंद्रमा का उच्च राशि में होना, जो विशेष फलदायी हैं। अधिकमास के चलते 13 चतुर्थियों का लाभ मिलेगा। चौथ माता की पूजा करने के बाद कथा सुनी जाती है। चंद्रमा को अघ्र्य देकर महिलाएं अखंड सुहाग की प्रार्थना करती हैं। आचार्य हेमंत शास्त्री ने बताया कि करवा चौथ पूजन का शुभ मुहूर्त शाम 7:02 से रात 8:15 बजे तक है। इसी बीच चंद्र उदय होगा। मुहूर्त में मां गौरी व गणेश की पूजा करनी चाहिए। इस दिन कुछ कुंवारी कन्याएं भी सुंदर, सुशिक्षित व योग्य पति के लिए व्रत रखती हैं। महिलाएं छलनी से चंद्रमा के दर्शन करती हैं। ऐसी मान्यता है कि छलनी में जितने छेद होते हैं, उतनी ही पति की आयु में वृद्धि होती है। महिलाएं करवा चौथ व्रत की तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटी रहीं। सभी आवश्यक सामान की खरीदारी अधिकांश ने तो पहले ही कर ली थी। कुछ घरों में आकर्षक रंगोली भी सजाई गईंं।


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