जिन्ना में एएमयू छात्रों को मनाने पहुंचे एडीजी, हिंदूवादियों ने गिरफ्तारी दी
आठ दिन से जिन्ना प्रकरण को लेकर जारी धरना प्रदर्शन खत्म कराने के लिए बुधवार को अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) अजय आनंद एएमयू छात्रों को मनाने पहुंचे।
अलीगढ़ (जेएनएन)। आठ दिन से जिन्ना प्रकरण को लेकर जारी धरना प्रदर्शन खत्म कराने के लिए बुधवार को अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) अजय आनंद एएमयू छात्रों को मनाने पहुंचे। पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस में छात्र संघ और एएमयू टीचर्स एसोसिएशन (अमुटा) पदाधिकारियों के साथ लंबी वार्ता की। जायज मांगें पूरी रखने का भरोसा देते हुए धरना खत्म करने को कहा। छात्र संघ ने दोहराया कि मांगें पूरी होते ही आंदोलन खत्म कर देंगे। उधर,हिंदू जागरण मंच के दो कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के विरोध में कुछ संगठनों ने विरोध-प्रदर्शन करते हुए सांकेतिक गिरफ्तारी दी। भड़काऊ भाषण देने वाले बसपा के पूर्व विधायक की गिरफ्तारी की मांग भी की गई।
एएमयू में दो मई से पढ़ाई ठप
एएमयू छात्रों का हिंदू जागरण मंच व पुलिसकर्मियों से दो मई को टकराव हुआ था। तब से पढ़ाई ठप है। छात्र यूनिवर्सिटी के बॉबे सैयद (मुख्य द्वार) पर धरना दे रहे हैं। बुधवार को आगरा से एडीजीपी अजय आनंद यहां पहुंचे। अफसरों से मंत्रणा के बाद पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस में छात्र संघ व अमुटा पदाधिकारियों से विवाद सुलझाने पर बात की। एडीजी ने कहा, हमारी सौहार्दपूर्ण माहौल में बात हुई है। छात्रों ने जो मांग पत्र दिया है, उसमें जायज मांगें पूरी की जाएंगी। उम्मीद है, छात्र भी विरोध प्रदर्शन नहीं करेंगे। छात्रसंघ अध्यक्ष मशकूर अहमद उस्मानी ने भी नरमी दिखाई। कहा, एडीजी ने हमें गंभीरता से सुना है। मांगें पूरी होने पर धरना खत्म कर देंगे। इसमें हमला करने आए हिंदू जागरण मंच के कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी व लाठीचार्ज करने वाले पुलिस कर्मियों के निलंबन की मांग प्रमुख है। वहीं शांति भंग में अमित गोस्वामी व योगेश वाष्र्णेय को जेल भेजने के विरोध में बुधवार को हिंदू संगठनों ने केपी इंटर कॉलेज में जोरदार प्रदर्शन किया। 63 ने सांकेतिक गिरफ्तारी दी, जिन्हें सिटी मजिस्ट्रेट सचिन कुमार ने जमानत दे दी।
विवाद बेमतलब है तो लिखकर दे दें कुलपति : सांसद
भाजपा सांसद सतीश गौतम ने कहा कि कुलपति अगर जिन्ना विवाद को बिना मतलब का मानते हैं तो यही मेरे पत्र के जवाब में लिखकर दे दें। सांसद ने छात्रों के विरोध प्रदर्शन पर टिप्पणी से यह कहते हुए इन्कार कर दिया कि यह देखना कुलपति का काम है। गौतम ने ही कुलपति को जिन्ना की तस्वीर के बारे में लिखा था।