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Preparation for assembly elections : जाट लैंड में सियासी शक्ति का प्रदर्शन करेंगे जयंत Aligarh news

चौधरी चरण सिंह व उनके परिवार का अलीगढ़ से विशेष लगाव रहा है। जिले की खैर व इगलास विधानसभा जाट लैंड होने के यहां की राजनीति में इस परिवार का सदैव रसूख रहा है। भारतीय क्रांतिदल (बीकेडी) से रालोद तक का सियासी सफर स्वर्णिम रहा है।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Tue, 28 Sep 2021 06:11 AM (IST)Updated: Tue, 28 Sep 2021 06:17 AM (IST)
Preparation for assembly elections : जाट लैंड में सियासी शक्ति का प्रदर्शन करेंगे जयंत  Aligarh news
चौधरी चरण सिंह व उनके परिवार का अलीगढ़ से विशेष लगाव रहा है।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता । चौधरी चरण सिंह व उनके परिवार का अलीगढ़ से विशेष लगाव रहा है। जिले की खैर व इगलास विधानसभा जाट लैंड होने के यहां की राजनीति में इस परिवार का सदैव रसूख रहा है। भारतीय क्रांतिदल (बीकेडी) से रालोद तक का सियासी सफर स्वर्णिम रहा है। चौ. अजित सिंह के पुत्र जयंत चौधरी तीसरी पीढ़ी के रूप में दल की कमान संभाली है। यह पिता के निधन के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष के रुप में सात अक्टूबर को खैर में आशीर्वाद पथ सभा से सियासी शक्ति का प्रदर्शन करेंगे।

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चौधरी चरण सिंह का जाटलैंड में हमेशा दबदबा रहा

किसानों के मसीहा चौ. चरण सिंह का जाट लैंड में हमेशा दबदबा रहा है। वर्ष 1969 में वे भारतीय क्रांतिदल के मुखिया थे, इसी दल से उन्होंने पत्नी गायत्री देवी को इगलास से चुनाव लड़ाया था, वे जीती भी थीं। इस पर पाटी को उनकी बेटी डा. ज्ञानवती ने आगे बढ़ाया था। इन्हें उनके भाई चौ.अजित सिंह ने जनता दल से वर्ष 1991 में प्रत्याशी बनाया था। तब रामलहर में भी इगलास से ज्ञानवती चुनाव जीत गई थीं। जाटलैंड में मजबूत पकड़ बनाने के लिए भाजपा ने डा. ज्ञानवती को अपने पाले में खींच लिया और वर्ष 1996 में वह खैर से विधायक बनीं। जनता दल से अलग हुए छोटे चौधरी (अजित सिंह) ने जब रालोद का गठन किया, तब वर्ष 2007 में विमलेश कुमारी इगलास व चौ. सत्यपाल सिंह ने खैर से चुनाव जीता था। वर्ष 2009 में नए परिसीमन के बाद जब अलीगढ़ लोकसभा से कटकर इगलास विधानसभा हाथरस लोकसभा (सुरक्षित) में शामिल हो गई। इस सीट से सारिका सिंह बघेल रालोद की सांसद बनीं।

नए परिसीमन से सियासत को धक्‍का

नए परिसीमन के तहत खैर व इगलास विधानसभा सामान्य से एससी वर्ग के लिए सुरक्षित घोषित हाे गईं। इससे जाट समुदाय की सियासत को तगड़ा झटका लगा। रालोद संस्थापक चौ. अजित सिंह ने वर्ष 2012 में हुए विधानसभा चुनाव में जिले की सात विधानसभा सीटाें पर जीत दर्ज की गई। सत्ताधारी पार्टी बसपा के ठा. जयवीर सिंह को रालोद के ठा. दलवीर सिंह ने करारी शिकस्त दी। अब यह दोनों दिग्गज भाजपा में हैं। खैर से भगवती प्रसाद सूर्यवंशी व इगलास से त्रिलोकीराम दिवाकर ने जीत दर्ज की थी। वर्ष 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में रालोद अपना खाता भी नहीं खोल सकी। पंचायत चुनाव में रालोद ने धमकेदार वापसी की है। रालोद के छह जिला पंचायत सदस्य निर्वाचित हुए। पांच बागियों ने जीत दर्ज की। इनकी रालोद में आस्था है।

इनका कहना है

राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद जयंत चौधरी पहली बार जिले में आ रहे हैं। आशीर्वाद पथ कार्यक्रम में एतिहासिक भीड़ जुटेगी। पूर्व मंत्री कुलदीप उज्जवल मंगलवार को खैर पहुंच रहे हैं। युवा प्रदेश अध्यक्ष सचिन सरोहा आ चुके हैं। मंगलवार को अनूपशहर रोड स्थित जैन गार्डन में बैठक को संबोधित करेंगे।

- चौ. कालीचरण सिंह, जिलाध्यक्ष रालोद


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