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अलीगढ़ में त्योहारों पर ऐसे बहेंगी 'दूध' की नदियां, जानिए सच

जिले में पशुधन भले ही कम हो रहा हो, मगर त्योहारों के आते ही यहां खूब दूध की नदियां बहती हैं। दरअसल, त्योहार से पहले दूध का काला कारोबार शुरू हो जाता है।

By Mukesh ChaturvediEdited By: Published: Mon, 22 Oct 2018 10:17 AM (IST)Updated: Mon, 22 Oct 2018 10:23 AM (IST)
अलीगढ़ में त्योहारों पर ऐसे बहेंगी 'दूध' की नदियां, जानिए सच
अलीगढ़ में त्योहारों पर ऐसे बहेंगी 'दूध' की नदियां, जानिए सच

अलीगढ़  (जेएनएन)। जिले में पशुधन भले ही कम हो रहा हो, मगर त्योहारों के आते ही यहां खूब 'दूध' की नदियां बहती हैं। दरअसल, त्योहार से पहले दूध का काला कारोबार शुरू हो जाता है। दीपावली व अन्य त्योहार निकट आते ही फिर से जिले में ' दूध' की फैक्ट्री लगना शुरू हो गई हैं। चिंता की बात ये है कि बीते वर्षों में कई बार बड़ी कार्रवाई होने के बाद भी यह कारोबार थम नहीं पाया।

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ये दूध है या जहर

दूध का रंग तो जरूर सफेद है, मगर काला कारोबार करने वाले इसमें क्या मिला रहे हैं? आम उपभोक्ता को तभी पता लगता है जब वह दूध पीकर बीमारियों से घिर जाता है। दूध बनाने में प्रयोग अखाद्य व पदार्थों से कैंसर, हृदय, गुर्दे से जुड़ी बीमारियां हो सकती है। जान तक जा सकती है।

नकली दूध में मिलता है यह सब

दूध में सबसे ज्यादा मिलाया जाने वाला पदार्थ पानी है, जो न सिर्फ  दूध के पोषक तत्वों की मात्रा घटाता है दूषित जल कई दूसरी स्वास्थ्य समस्याओं को भी जन्म देता है। वहीं, नकली (सिंथेटिक) दूध बनाने के लिए  स्टार्च, कास्टिक सोडा, यूरिया, घुला चूना, फार्मेलीन, अमोनियम सल्फेट आदि की मिलावट होती है।

रसायनों को मिलाने से होती हैं ये बीमारियां

डिटरजेंट : दूध में मिलाने से यह जहरीला हो जाता है। इससे पेट संबंधी परेशानियां होती हैं। यह क्षारीय होने से शरीर के ऊतकों व प्रोटीन नष्ट कर देता है।

यूरिया : यूरिया युक्त दूध से उल्टी, बेचैनी, चक्कर, जी मिचलाना आदि समस्याएं हो सकती हैं। गुर्दे को नुकसान हो सकता है।

फार्मेलीन : दूध में इसकी मिलावट से लीवर को नुकसान पहुंचता है।

मिलावटी दूध की पहचान : विशेषज्ञों के अनुसार चिकनाई निकले दूध की बूंद यदि चलते समय लाइन नहीं छोड़ी। वहीं, सिंथेटिक व मिलावटी दूध जीभ पर रखने से कसैला लगता है।

पकड़े गए प्रमुख मामले

- 16 जनवरी 2017 को अकराबाद क्षेत्र के गांव नगला रेवती में छापेमारी कर सिंथेटिक दूध पकड़ा

- 14 जून 2017 को चंडौस के नवाबपुर गांव में तीन मकानों में सिंथेटिक दूध की फैक्ट्री पकड़ी

- 04 जून 2018 को मोहल्ला महावीरगंज में एक घर में चल रही सिंथेटिक दूध की फैक्ट्री पकड़ी

- 9 जून 2018 को थाना गांधी पार्क क्षेत्र के बौनेर में सिंथेटिक दूध की फैक्ट्री पकड़ी

जल्द चलेगा अभियान

मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी अक्षय प्रधान का कहना है कि मलावटखोरों को आमजन की सेहत से खिलवाड़ नहीं करने देंगे। सिंथेटिक दूध व अन्य मिलावटी वस्तुओं की बिक्री रोकने को जल्द ही अभियान चलेगा।


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