आइपीएस अफसर के बेटे ने सिविल सेवा परीक्षा में हासिल की 72वीं रैंक
सिविल सर्विस की परीक्षा में अलीगढ़ के आदित्य को सफलता मिली है। उन्होंने 72 वीं रैंक हासिल की है।
अलीगढ़ : जिले के लाल ने बड़ा कारनामा कर दिखाया है। अकराबाद क्षेत्र के गांव टुआमई निवासी आदित्य विक्रम यादव ने सिविल सर्विस की परीक्षा पास कर ली है। उन्हें 72वीं रैंक हासिल हुई है। ऐसे में उन्हें आइएएस कैडर मिलना लगभग तय है। आदित्य विक्रम के पिता मनोज यादव आइपीएस अफसर हैं। उनके चाचा संजय यादव यहीं शहर में स्वर्ण जयंती नगर में रहते हैं। अकराबाद ब्लॉक के गांव टुआमई निवासी मनोज यादव 1987 बैच के आइपीएस अफसर हैं। मौजूदा समय में वह दिल्ली स्थित गृह मंत्रालय में एडीजी हैं। ऐसे में वह पत्नी बनिता यादव समेत मय परिवार दिल्ली में रहते हैं। इनके दो बेटे हैं। बड़ा बेटा आदित्य विक्रम यादव व छोटा बेटा अनिरुद्ध है। पिता की हरियाणा में तैनाती के दौरान आदित्य विक्रम ने पांचवीं तक पढ़ाई वहीं के अलग-अलग शहरों से की। इसके बाद उनके पिता दिल्ली गृह मंत्रालय में आए। यहां से 2011 में उन्होंने 12वीं की पढ़ाई पूरी की। नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी से उन्होंने 2016 में बीए एलएलबी पूरी की। उसी साल यूपीएससी (संघ लोक सेवा आयोग) द्वारा संचालित सिविल सर्विस परीक्षा में भाग लिया। उस दौरान इसमें 302वीं रैंक आई। ऐसे में उन्हें आइआरएस कैडर मिला लेकिन, उन्होंने ज्वॉइन नहीं किया। पिछले साल दोबारा से परीक्षा में भाग लिया। अब शुक्रवार को यूपीएससी के जारी परिणाम में उन्होंने 72वीं रैंक हासिल की है। ऐसे में अब इन्हें आइएएस का कैडर मिलना तय है। दैनिक जागरण से बातचीत में आदित्य ने बताया कि आइएएस के चयन के बाद चुनौती खत्म नहीं होती है। यहां से बड़ी चुनौती की शुरुआत होती है। उन्होंने बताया कि उन्हें गरीब बच्चों को पढ़ाना अच्छा लगता है। वह भविष्य में बच्चों को पढ़ाने की कोशिश करेंगे। स्वर्ण जयंती नगर निवासी आदित्य के चाचा संजय यादव ने बताया कि वह काफी मेहनती है। आदित्य की इस सफलता से परिवार का गौरव बढ़ाया है। उन्होंने बताया कि पूर्व सीएम अखिलेश यादव व बदायूं सांसद उनके रिश्तेदार हैं। हाथरस के अनंजय को भी मिली सफलता
संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविल सर्विस परीक्षा 2017 में हाथरस के अनंजय वाष्र्णेय का चयन हुआ है। उन्होंने 193वीं रैंक हासिल की है। यह अनंजय का पाचवा प्रयास था। अनंजय ने कहा कि सफलता की राह आसान नहीं थी। लगन के साथ प्रयास किया। वे मां डॉ. शालिनी, मामा डॉ. हरिश्चंद्र वाष्र्णेय व मामी डॉ. कमलेश वार्ष्णेय को सफलता का श्रेय देते हैं। मामा-मामी ने ही उन्हें बचपन से पढ़ाया है। डॉ. शालिनी शहर के आरडी कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर हैं। अनंजय पिता के साथ दिल्ली में रहते हैं। पिता वीरेंद्र वाष्र्णेय दिल्ली में इनकमटैक्स के अधिवक्ता हैं। इनकी छोटी बहन गुड़िया दिल्ली में चार्टर्ड एकाउंटेंट हैं। अनंजय के पिता अलीगढ़ के महावीरगंज के रहने वाले हैं। चयन पर चाचा विष्णु कुमार वाष्र्णेय, महेश कुमार वाष्र्णेय व टीआर डिग्री कालेज में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. नीता वाष्र्णेय ने बधाई दी है।