अलीगढ़ प्रशासन की सूझबूझ से जीवनगढ़ धरना समाप्त, घायल तारिक को मिलेंगे दो लाख Aligarh news
प्रशासन की सूझबूझ से शनिवार शाम खत्म हो गया। इसमें सपा नेताओं ने भी सहयोग किया। सपा नेताओं की मौजूदगी में डीएम चंद्रभूषण सिंह व एसएसपी मुनिराज को ज्ञापन दिया गया।
अलीगढ़ [जेएनएन]: क्वार्सी बाइपास जीवनगढ़ पुलिया पर छह दिन से चल रहा धरना प्रशासन की सूझबूझ से शनिवार शाम खत्म हो गया। इसमें सपा नेताओं ने भी सहयोग किया। सपा नेताओं की मौजूदगी में डीएम चंद्रभूषण सिंह व एसएसपी मुनिराज को ज्ञापन दिया गया। डीएम ने बाबरी मंडी में गोली लगने से घायल तारिक को दो लाख रुपये देने की घोषणा की। इसके बाद ही महिलाएं रोड से हटने को तैयार हुईं। कुछ महिलाओं ने विघ्न डालने का प्रयास भी किया, मगर पुलिस की सख्ती के आगे एक न चली। जिला प्रशासन की इसे बड़ी जीत माना जा रहा है। क्योंकि, धरने पर टकराव की कई बार नौबत आई, अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों को माहौल खराब करने का मौका नहीं दिया।
सोमवार से चल रहा था धरना
ऊपरकोट पर रविवार को महिलाओं के धरना हटाने को लेकर बवाल हो गया था। इसके बाद सोमवार से हजारों महिलाएं जीवनगढ़ पुलिया पर जाम लगाकर बैठ गईं। इससे अनूपशहर मार्ग बंद हो गया। महिलाएं तब से धरने पर थीं। उन्हें कई बार समझाने का प्रयास भी किया गया, लेकिन नहीं मानीं। शुक्रवार को जुमे की नमाज को देखते हुए प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की, लेकिन रात से ही धरनास्थल की घेराबंदी शुरू कर दी। वाहनों की कड़ी चेकिंग की गई।
ऐसे बनी भूमिका
शनिवार सुबह से ही एसीएम द्वितीय रंजीत सिंह व सीओ तृतीय अनिल समानिया ने मोर्चा संभाल लिया। पुलिस ने स्थानीय दुकानदारों व लोगों के साथ बैठक की। उनकी मदद से धरने पर बैठे लोगों को समझाने का प्रयास किया गया, लेकिन वे टस से मस नहीं हुए। दोपहर करीब तीन बजे दुकानदारों ने कारोबार के नुकसान होने का हवाला देते हुए धरने के बीच जाकर समाप्ति की बात कही तो महिलाएं उग्र्र हो गईं। धरने को और आगे बढ़ाने का प्रयास किया। उनकी पुलिस से नोकझोंक हुई। पुलिस ने लोगों को खदेड़ दिया और धरने को अंदर समेटते हुए महिला पुलिस तैनात कर दी। इसे लेकर काफी देर तक तनाव बना रहा।
सपा नेताओं की ली मदद
तनाव बढ़ता देख एडीएम सिटी राकेश मालपाणि, एसपी सिटी अभिषेक कुमार भी पहुंच गए। आरएएफ की तीन गाडिय़ां, पीएसी की एक गाड़ी, वज्र वाहन, दमकल मंगवाकर सर्किट हाउस में खड़ी करवा दीं। डीएम-एसएसपी भी पहुंच गए। यहां सपा नेता अज्जू इशहाक, सलमान शाहिद ने महिलाओं की ओर से ज्ञापन पढ़कर सुनाया गया। यह भी कहा गया कि धरना तभी समाप्त होगा, जब मांगें मानी जाएंगी। इनमें पुलिस की ओर से दर्ज मुकदमों को वापस लेने, नोटिस न भेजने, घायल तारिक को मुआवजा देने की मांग थी। घायल तारिक को दो लाख रुपये देने की घोषणा की। मुकदमों को वापस लेने के संबंध में जांच करने की बात कही। यह भी कहा कि सड़क जाम करने की बजाय लोकतांत्रिक तरीके से धरना दीजिए। इसके लिए प्रशासन से अनुमति भी लें।
गिराए तंबू, डटी रहीं महिलाएं
डीएम के जाने के बाद सड़क पर लगे तंबू गिरा लिए गए। काफी संख्या में महिलाएं देर शाम साढ़े सात बजे तक मौजूद थीं। पुलिस के बार-बार कहने के बाद भी न हटीं। सड़क किनारे पुरुषों की भीड़ जुटती जा रही थी। बाद में उन्हें भी समझा लिया गया। पुलिस ने पहले अपने वाहनों को रोड पर घुमाया। इसके बाद रात करीब आठ बजे ट्रैफिक को खोला गया।