स्लीपर मॉड्यूल के आगे फेल है खुफिया तंत्र
अलीगढ़ : आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़े एएमयू के रिसर्च स्कॉलर मन्नान बसीर वानी का फ
अलीगढ़ : आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़े एएमयू के रिसर्च स्कॉलर मन्नान बसीर वानी का फोटो अगर सोशल मीडिया पर वायरल नहीं होता तो खुफिया एजेंसियों को ये रहस्य जानने में न जाने कितना समय लगता। यह पहला मामला नहीं जब देश विरोधी गतिविधियों से जुड़े किसी शख्स का चेहरा पहचानने में खुफिया तंत्र फेल हुआ है। पूर्व में भी तमाम केस सामने आए हैं, जिसमें मन्नान जैसे स्लीपर मॉड्यूल पुलिस की आंखों में धूल झौंकते रहे।
27 जनवरी- 15 को तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के आगरा दौरे को लेकर दिल्ली, लखनऊ की सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हुई तो अलीगढ़ की दो हाई प्रोफाइल महिलाओं का नाम प्रकाश में आए, जिन्हें आतंकी संगठन सिमी का स्लीपर मॉड्यूल बताया गया। इनमें एक शिक्षिका और दूसरी चिकित्सा पेशे से जुड़ी थी। छानबीन में यह भी जानकारी मिली कि इस तरह के 11 और स्लीपर मॉड्यूल अलीगढ़ में सक्रिय हैं, जो खासकर छात्राओं का ब्रेनवाश करती हैं। मगर लोकल पुलिस इनके बारे में जानकारी नहीं जुटा सकी।
इंटरनेट के जरिए भर्तियां
आतंकवादी संगठन इंटरनेट के जरिए भर्तियां कर रहे हैं। कम्युनिटी सेंटरों पर सुरक्षाबलों की नजर के कारण दहशतगर्द अब चर्चित वेबसाइटों के माध्यम से युवाओं को फुसलाकर आतंक की आग में झोंक रहे हैं। सुरक्षा एजेंसियों का मानना है दहशतगर्द उन युवाओं पर नजर रखते हैं जो वेबसाइटों पर देश विरोधी गतिविधियों की तारीफ और आतंकियों के विरुद्ध कार्रवाई का विरोध करते हैं। फिर ई-मेल के जरिए कोडवडरें में बातचीत होती हैं। पूर्व में कुछ आतंकियों के पकड़े जाने पर ये बात सामने भी आ चुकी है। माना जा रहा है कि मन्नान से भी इसी जरिए संपर्क साधा गया होगा। सुरक्षा एजेंसियां सोशल मीडिया साइट्स पर मन्नान का प्रोफाइल भी खंगाल रही हैं।