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टीबी सर्वे टीम को एनआरसी डाटा जुटाने वाले समझकर की अभद्रता Aligarh news

सर्वे कर रही टीम को एनपीआर का डाटा जुटाने वाले समझकरलोगों ने शाहजमाल क्षेत्र के गोश्तवाली गली में घेर लिया और अभद्रता की। टीम से रजिस्टर व टेलीशीट भी छीनेे।

By Sandeep SaxenaEdited By: Published: Fri, 21 Feb 2020 05:53 PM (IST)Updated: Sat, 22 Feb 2020 09:28 AM (IST)
टीबी सर्वे टीम को एनआरसी डाटा जुटाने वाले समझकर की अभद्रता  Aligarh news
टीबी सर्वे टीम को एनआरसी डाटा जुटाने वाले समझकर की अभद्रता Aligarh news

अलीगढ़ [ जेएनएन ] : तपेदिक (टीबी) एक्टिव केस फाइंडिंग सर्वे कर रही टीम को एनपीआर का डाटा जुटाने वाले समझकरलोगों ने शाहजमाल क्षेत्र के गोश्तवाली गली में घेर लिया और अभद्रता की। आरोप है कि टीम से रजिस्टर व टेलीशीट भी छीन ली। टीम ने जानकारी अफसरों को दी। अफसरों ने टीम को वापस बुला लिया। पुलिस तक इसकी सूचना नहीं पहुंची। 

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जिले में 212 टीम सर्वे में जुटी हैं

सरकार टीबी के नए मरीजों को तलाशने के लिए अभियान चला रही है। 17 फरवरी से शुरुआत हुई थी। 27 फरवरी तक अभियान चलेगा। जिले में 212 टीम सर्वे में जुटी हैं। हर टीम में तीन लोग हैं। पांच टीमों के ऊपर एक सुपरवाइजर है। टीम घर-घर जाकर  जानकारी जुटाती है। नाम-पते के साथ मरीज के लक्षणों का डाटा नोट करती है। गुरुवार को लोधा क्षेत्र की टीम शाहजमाल की गोश्त वाली गली में पहुंची। टीम ने यहां जानकारी जुटानी शुरू की तो लोगों ने विरोध कर दिया। जिला क्षय रोग अधिकारी अनुपम भास्कर ने बताया कि मामला उनकी जानकारी में है। विरोध होने पर टीम को बुला लिया गया था। उस क्षेत्र में टीबी के मरीज मिल रहे हैं। जल्द दोबारा टीम को भेजा जाएगा।

टीबी लाइलाज नहीं, इलाज जरूर कराएं

टीबी को लेकर तमाम भ्रांतियां हैं। तमाम लोगों को टीबी के लाइलाज होने की जानकारी है। वे इलाज तक नहीं कराते हैं। केंद्र सरकार ने 2025 तक देश को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य तय किया है। लोग इसमें दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने भ्रांतियां खत्म कर लोगों से इलाज कराने की अपील की है। जिला अस्पताल में गुरुवार को सीएमएस डॉ. रामकिशन व जिला क्षय रोग अधिकारी अनुपम भास्कर ने मीडिया से बातचीत में कहा कि सरकार 17 से 29 फरवरी तक एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान चला रही है।

किसी में टीबी के लक्षण हैं तो जांच कराएं

इसमें विशेष चिकित्सकों की निगरानी में टीबी मरीजों का इलाज होता है। नए मरीज खोजे जाते हैं। टीबी मरीज छह फीट के दायरे में छींक, खांस से बैक्टीरिया फैलीता है। एक साल में टीबी मरीज अपने आसपास के 15 लोगों को संक्रमित कर देता है। किसी में टीबी के लक्षण हैं तो जांच कराएं। अनुपम भास्कर ने बताया कि अभियान में अब तक 652 लोगों की जांच की गई है। इसमें 19 टीबी से ग्रसित मिले हैं। इस मौके पर जिला सूचना अधिकारी संदीप सिंह भी मौजूद रहे। 


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