Lockdown में बढ़े मामले:तनाव से टूट रही जिंदगी की डोर, अभिनेता सुशांत सिंह की मौत से सब थे हैरान
फिल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत से हर कोई हैरान है। खुदकुशी का कारण तनाव माना जा रहा है। अलीगढ़ के भी कई लोग तनाव के चलते जान गंवा चुके हैं।
अलीगढ़ [जेएनएन]: फिल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत से हर कोई हैरान है। खुदकुशी का कारण तनाव माना जा रहा है। अलीगढ़ के भी कई लोग तनाव के चलते जान गंवा चुके हैं। लॉकडाउन के दौरान खुदकुशी के अधिक मामले सामने आए। करीब साढ़े तीन माह में जिले के 57 लोग खुदकुशी कर चुके हैं। इनमें किशोर उम्र से लेकर युवा व 70 साल तक के लोग शामिल हैं। किसी ने गृहकलह तो किसी ने काम न मिलने के चलते और किसी ने सहनशक्ति की कमी के कारण जान गवांई। पुलिस रिकॉर्ड देखें तो पिछले तीन वर्षों में 252 लोग विभिन्न कारणों से खुदकुशी कर चुके हैं।
अप्रैल में सबसे अधिक खुदकुशी
24 मार्च से 30 मार्च तक नौ, अप्रैल में 19, मई में 16 व जून में 13 लोगों ने खुदकुशी की। इनमें अधिकतर पर मामले तनाव से जुड़े थे। सर्वाधिक मामले फांसी व विषाक्त पदार्थ सेवन के शामिल हैं। हालांकि खुदकुशी करने वालों में महिलाओं की संख्या सर्वाधिक है।
पुलिस रिकॉर्ड से
-06 माह में ही 87 लोगों ने दी जान
-57 लोगों ने साढ़े तीन माह में की आत्महत्या
-09 लोगों ने मार्च में दी जान
-19 लोगों ने अप्रैल में की आत्महत्या
-16 लोगों ने मई में दी जान
-13 लोगों ने जून में की खुदकुशी
तीन साल पर नजर
-252 लोगों ने तीन साल में की खुदकुशी
-79 महिलाओं ने दी जान
-75 युवाओं ने दी जान
-53 किशोरों ने दी जान
-45 बुजुर्गों ने की खुदकुशी
कब कितने लोगों की खुदकुशी
वर्ष, किशोर, युवा, बुजुर्ग, महिला
2018, 18, 21, 19, 21
2019, 23, 22, 12, 29
2020, 12, 32, 14, 29
(सभी आंकड़े 10 जुलाई 2020 तक)
केस -एक
20 जून को क्वार्सी के चंदनियां इलाके में युवक ने नौकरी छूटने व पत्नी के मायके जाने पर फंदे पर झूलकर खुदकुशी की थी।
केस - दो
23 जून को सासनीगेट के सराय हरनारायण में युवक ने काम न मिलने पर घर में ही फंदे पर झूलकर खुदकुशी की थी।
देश में खुदकुशी के बढ़ रहे मामले
देश में खुदकुशी के बढ़ रहे मामले बेहद चिंताजनक हैं। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण डिप्रेशन है। ऐसा करने वाले लोग हमेशा क्लू देने लग जाते हैं, बस जरूरत उन्हें भांपने की है। जब भी ऐसा महसूस हो तो उसे सीधे सलाह न दें, पहले उससे बात करें फिर उसे आशावादी बनाते हुए सलाह दें कि ङ्क्षजदगी बेहद कीमती है।
डॉ. एसए आजमी, मनोचिकित्सक, जेएन मेडिकल कॉलेज