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मक्का के बढ़ें क्रय केंद्र, किसानों की आमदनी बढ़ाने को जैविक खेती पर हो जोर Aligarh news

कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिंहा की अध्यक्षता में शुक्रवार को वीडियो कांफेंसिंग के जरिए मंडलीय खरीफ गोष्ठी आयोजित हुई। जिला मुख्यालय स्थित एनआइसी भवन में प्रशासनिक व कृषि विभाग के अधिकारी की उपस्थिति में इसका प्रसारण किया गया।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Sun, 06 Jun 2021 12:11 PM (IST)Updated: Sun, 06 Jun 2021 12:47 PM (IST)
मक्का के बढ़ें क्रय केंद्र, किसानों की आमदनी बढ़ाने को जैविक खेती पर हो जोर Aligarh news
कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिंहा की अध्यक्षता में शुक्रवार को वीडियो कांफेंसिंग के जरिए मंडलीय खरीफ गोष्ठी आयोजित हुई।

अलीगढ़, जेएनएन । कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिंहा की अध्यक्षता में शुक्रवार को वीडियो कांफेंसिंग के जरिए मंडलीय खरीफ गोष्ठी आयोजित हुई। जिला मुख्यालय स्थित एनआइसी भवन में प्रशासनिक व कृषि विभाग के अधिकारी की उपस्थिति में इसका प्रसारण किया गया। कमिश्नर गौरव दयाल ने समय पर मक्का क्रय खाेलने और इनकी संख्या बढ़ाने का सुझाव दिया। वहीं, कृषि उत्पादन आयुक्त ने जैविक खेती पर जोर देने के निर्देश दिए हैं।

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खाद की उपलब्‍धता पर रहेगी खास निगाह

कृषि उत्पादन आयुक्त ने कहा कोरोना संकट के बावजूद गेहूं का रिकार्ड उत्पादन, खरीद और भुगतान हुआ है। अलीगढ़ मंडल में दलहन व तिलहन का उत्पादन बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। किसानों की आय बढ़ाने के लिए शाक-भाजी उत्पादन, जैविक खेती को भी बढ़ावा देना होगा। खाद की उपलब्धता पर खास निगाह रखी जाए। यदि बफर स्टाक को रिलीज करने की आवश्यकता हो तो शासन स्तर से वार्ता कर रिलीज कराया जाए। किसानों को खाद, बीज, बिजली, पानी की असुविधा न हो। प्रत्येक ब्लाक पर मनरेगा से माडल गो संरक्षण केंद्र बनाया जाए। अपर मुख्य सचिव देवेश चतुर्वेदी ने पराली प्रबंधन पर जोर दिया। गांव बरौठा से प्रगतिशील किसान अनिरुद्ध उपाध्याय ने फसल अवशेष के प्रबंधन पर कविता सुनाई। गोष्ठी में सीडीओ अंकित खंडेलवाल, संयुक्त कृषि निदेशक सतवीर सिंह, उप निदेशक कृषि अनिल कुमार, उपनिदेशक रिसर्च डा. वीके सचान, जिला कृषि अधिकारी विनोद कुमार, जिला उद्यान अधिकारी एनके साहनिया आदि अधिकारी मौजूद रहे।

हाथरस, कासगंज मेें नहीं सहकारी बैंक

कमिश्नर ने कहा कि हाथरस व कासगंज को जिला बने लगभग आठ वर्ष हो गए, लेकिन अभी तक सहकारी बैंक की स्थापना नहीं की जा सकी। यहां भूमि संरक्षण अधिकारी व उप निदेशक कृषि की तैनाती भी नहीं है। एटा के जलेसर और अवागढ़ में खारे पानी की समस्या के चलते उत्पादन कम है। कमिश्नर ने शोध की आवश्यकता पर बल दिया। साथ ही डीएपी व यूरिया की एक-एक रेक उपलब्ध कराने को कहा।

2.14 लाख हेक्टेयर में खाद्यान्न व तिलहन

डीएम चंद्रभूषण सिंह ने बताया कि जिले के कुल क्षेत्रफल 3.71 लाख हेक्टेयर में से 3.04 लाख हेक्टेयर में खेती होती है। फसल सघनता 175 फीसद है। खरीफ में 2.14 लाख हेक्टेयर में खाद्यान्न और तिलहन की खेती की जाती है। धान 84,162, बाजरा 93,716, मक्का 21,106 अौर अरहर का रकबा 10,264 हेक्टेयर है। पिछले वर्ष धान की उत्पादकता 26.30 कुंतल प्रति हेक्टेयर, बाजरा की उत्पादकता 23.99 कुंतल प्रति हेक्टेयर प्राप्त हुई थी, जिसमें क्रमश: 0.69 फीसद व 1.18 फीसद की वृद्धि कर 27.01 व 25.17 कुंतल प्रति हेक्टेयर किया जाना प्रस्तावित है।


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