अलीगढ़ नुमाइश की कार्यकारिणी से निष्क्रिय सदस्य बाहर हों, नए लोगों को मिले मौका aligarh news
कार्यकारिणी में शामिल रहे कई लोगों की मौत भी हो चुकी है। ऐसे में अब प्रदर्शनी के अध्यक्ष की ओर से कार्यकारिणी में संशोधन करने की तैयारी चल रही है।
अलीगढ़ (जेएनएन)। नुमाइश से जुड़े किसी भी फैसले पर कार्यकारिणी की मुहर लगती है। ऐसे कार्यकारिणी का इसमें विशेष महत्व होता है, लेकिन जिले में बसपा सरकार के बाद कार्यकारिणी में संशोधन नहीं हुआ है। कार्यकारिणी में शामिल रहे कई लोगों की मौत भी हो चुकी है। ऐसे में अब प्रदर्शनी के अध्यक्ष की ओर से कार्यकारिणी में संशोधन करने की तैयारी चल रही है। भाजपा जनप्रतिनिधि भी पिछले काफी समय से इसके लिए प्रयासरत हैं।
प्रदेश में है प्रसिद्ध
गंगा-जमुनी तहजीब की प्रतीक राजकीय औद्योगिक एवं कृषि प्रदर्शनी सूबे भर में प्रसिद्ध हैं। यहां पर हर साल आयोजन में तमाम जिलों के लोग आते हैं। नुमाइश से जुड़े कार्यक्रम के लिए कार्यकारिणी ही अंतिम फैसला करती है। डीएम इस कार्यकारिणी के अध्यक्ष होते हैं। पिछले कई सालों से 43 लोगों की कार्यकारिणी चली आ रही है। बसपा सरकार के बाद से नुमाइश की कार्यकारिणी में संशोधन नहीं हुआ है। ऐसे में दशकों से पुराने लोग ही इससे जुड़े हुए हैं। अब सूबे में भाजपा सरकार आ गई। ऐसे में पिछले काफी समय से भाजपा से जुड़े जनप्रतिनिधि भी कार्यकारिणी के संशोधन की जुगत में लगे थे। अब प्रदर्शनी के अध्यक्ष की ओर से इसको लेकर सुगबुहाहट शुरू हो गई है।
कई लोगों की हो गई है मौत
नुमाइश कार्यकारिणी में इतने पुराने लोग जुड़े हुए हैं कि इसमें शामिल कई लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें सबसे पहले सदस्य डॉ. रघुराज स्वरूप राज की भी मौत हो गई है। छर्रा विधायक रवेंद्र पाल ङ्क्षसह कहते हैं कि कार्यक्रम में निष्क्रिय सदस्यों को कार्यकारिणी से बाहर करके नए लोगों को जुडऩे का मौका मिलना चाहिए।