50 करोड़ की जमीन कब्जाने में पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष तेजवीर समेत छह पर मुकदमा
फर्जी वसीयत कर बहुमंजिला इमारत खड़ी करने के चर्चित प्रकरण में पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष तेजवीर सिंह गुड्डू इनके बेटे मां समेत छह के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है।
अलीगढ़ (जेएनएन)। दोदपुर में 50 करोड़ की जमीन की फर्जी वसीयत कर बहुमंजिला इमारत खड़ी करने के चर्चित प्रकरण में पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष तेजवीर सिंह गुड्डू, इनके बेटे, मां समेत छह के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है। सिविल लाइंस पुलिस ने ये रिपोर्ट दिल्ली के भागीरथ पैलेस निवासी भू स्वामी विनोद कुमार पचनंदा की तहरीर पर दर्ज हुई है। एसडीएम ने मंगलवार को जमीन कब्जा मुक्त कराई थी।
यह है मामला
विनोद कुमार पचनंदा व इनके भाई विश्वामित्र पचनंदा का आरोप है कि उनकी पुश्तैनी जमीन लगभग 5500 वर्ग गज नंबर 04-1486 अमर भवन दोदपुर मेडिकल रोड पर है। 1957 में उनके दादा स्वर्गीय अमरनाथ ने 11000 वर्ग गज जमीन भारत सरकार से नीलामी में खरीदी थी। इस जमीन में एक वारिस सत्यपाल ने अपने हिस्से की 5500 वर्ग गज बेच दी। शेष जमीन की फर्जी वसीयत कर भूमाफिया ने कब्जा कर निर्माण भी शुरू करा दिया। विरोध करने पर मारपीट व फायङ्क्षरग भी हुई। इसमें एफआईआर भी दर्ज कराई गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
फर्जी बैनामे पर किया निर्माण कार्य
विनोद ने रिपोर्ट में कहा है कि हाथरस के काखनपुर निवासी मनोज कुमार ने 10 जुलाई 1996 को फर्जी वसीयत के आधार पर अपने को संपत्ति का मालिक बताकर साजिद (एसआरएस बिल्डकॉम) से एग्र्रीमेंट कर हमारी पुश्तैनी जमीन पर जनवरी 2016 में निर्माण कार्य शुरू किया गया। इसमें दिल्ली हाइट्स के नाम से बोर्ड लगाकर आफिया कंस्ट्रक्शन के नाम से काम शुरू किया। इसकी शिकायत एडीए, थाना सिविल लाइंस व अन्य अधिकारियों से की गई, लेकिन निर्माण कार्य नहीं रुका। इनमें बने फ्लैट भी बुक कर अवैध रूप से कमाई भी की गई।
तहरीर के आधार पर दर्ज हुआ मुकदमा
एसआरएस बिल्डकॉम की पार्टनरशिप डीड के अनुसार तेजवीर सिंह, इनके बेटे कार्तिक चौधरी, दीपक, पत्नी शिखा सिंह, मां वंश देवी, हिमांशी चौधरी निवासी जापान हाउस मैरिस रोड फर्म के पार्टनर हैं। इन लोगों ने फर्जी वसीयत बनाकर पैतृक संपत्ति पर कब्जा कर लिया। इंस्पेक्टर अमित कुमार ने बताया कि तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।
नोटबंदी में नहीं हो सका था भुगतान
पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष तेजवीर सिंह गुड्डू का कहना है कि असलम व मनोज की ओर से ये मामला सिविल कोर्ट में विचाराधीन है। पुलिस स्तर से कार्रवाई का प्रश्न ही नहीं उठता। नोटबंदी के दौरान भुगतान नहीं हो सका था। मेरा बेटा चुनाव लड़ा है। राजनीतिक रंजिश के चलते रिपोर्ट दर्ज कराकर दबाव बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
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