नेपाल में भारतीय नोटबंदी से निर्यातकों को झटका, ऐसे परेशान हो रहे टूरिस्ट
नेपाल सरकार ने 200, 500 व 2000 के भारतीय नोटों पर रोक लगा दी है। सरकार ने तर्क दिया है कि यह फैसला आर्थिक अपराध व हवाला कारोबार रोकने में कारगर साबित होगा।
अलीगढ़ (जेएनएन)। नेपाल सरकार ने 200, 500 व 2000 के भारतीय नोटों पर रोक लगा दी है। सरकार ने तर्क दिया है कि यह फैसला आर्थिक अपराध व हवाला कारोबार रोकने में कारगर साबित होगा। इससे नेपाल में ताला-हार्डवेयर या दूसरे सामान का निर्यात करने वालों और वहां नौकरी कर रहे भारतीय नागरिकों को झटका लगा है। पर्यटक को भी परेशानी हो रही है।
अलीगढ़ के 150 कारोबारी करते हैं निर्यातक
नेपाल के सूचना व प्रसारण मंत्री गोकुल प्रसाद बसकोटा ने यह एलान 15 दिसंबर को किया। कहा था कि भारतीय मुद्रा में सौ-सौ के ज्यादा नोट रखें। 200,500 और 2000 के नोटों को न रखने की चेतावनी दी थी। अलीगढ़ निर्मित ताला, हार्डवेयर, बिजली फिटिंग्स उत्पादन, आर्टवेयर, पावर प्रेस का 150 कारोबारी निर्यात करते हैं। अलीगढ़ से नेपाल में 500 करोड़ रुपये का सालाना कारोबार होता है।
बॉडर पर देना पड़ता है बट्टा
पर्यटक के सामने सबसे ज्यादा परेशानी होगी। अगर यह छोटी करेंसी के रूप में 100 या फिर 50 रुपये के नोट ले जाएंगे तो इन्हें रखने में परेशानी होगी। अगर बॉर्डर पर बड़े नोट बदलते हैं तो उन्हें बट्टे (कमीशन) के रूप में एक से तीन फीसद तक देना होगा।
टूरिस्ट को आएगी परेशानी
इंडो-नेपाल एक्सपोर्ट एसोसिएशन के के महासचिव पंकज वाष्र्णेय का कहना है कि नेपाल सरकार ने भारत के बड़े नोटों पर रोक लगाकर निर्यातकों को बड़ा झटका दिया है। नेपाल एक्सपोर्ट एसोसिएशन के महासचिव राकेश अग्रवाल का कहना है कि नेपाल में हुई भारतीय नोटबंदी से उन व्यापारियों को फर्क पड़ेगा, जो बिना बिल के व्यापार करते हैं। कानूनी सलाहकार सतीश माहेश्वरी का कहना है कि भारतीय नोटबंदी से टूरिस्ट को परेशानी आएगी। उनको 100 रुपये के ही नोट ले जाने होंगे।