अलीगढ़ में दो दिन तक पहले तलाशा ठिकाना, फिर की छात्रा की हत्या
अभियुक्त ने पहले ही तय कर लिया था कि उसे अपने खतरनाक मंसूबों को कहां अंजाम देना है। दो दिन उसने ऐसे स्थान की तलाश की, जो सुनसान हो और किसी की नजर न पड़े।
अलीगढ़ (जेएनएन)। देहलीगेट क्षेत्र के डॉली हत्याकांड में जेल गए अभियुक्त ने पहले ही तय कर लिया था कि उसे अपने खतरनाक मंसूबों को कहां अंजाम देना है। दो दिन उसने ऐसे स्थान की तलाश की, जो सुनसान हो और किसी की नजर न पड़े। अल्लाना मीट फैक्ट्री के पीछे उसे वो जगह मिल गई। यहां एक गड्ढा पहले से खुदा हुआ था, कोई आता-जाता भी नहीं था। सूत्रों के मुताबिक हत्या से पहले वह दो बार यहां आया था। जब उसे यकीन हो गया कि यहां उसके मंसूबे पूरे हो जाएंगे, तब उसने डॉली को फोन कर गली के बाहर बुलाया और उसे लेकर वहीं पहुंच गया। गला घोंटने के बाद शव उसी गड्ढे में फेंक दिया, फिर ऊपर से मिट्टी डाल दी। अगर वह पकड़ में नहीं आता तो शायद शव बरामद नहीं होता।
हत्या के बाद दफन कर दिया था शव
देहलीगेट क्षेत्र के शाहपुर कुतुब निवासी अनुसूचित जाति की डॉली (20) सात जनवरी को घरेलू सामान लेने बाजार गई थी, फिर नहीं लौटी। नौ जनवरी को गुमशुदगी दर्ज कर पुलिस ने छानबीन शुरू की। 10 जनवरी को छात्रा की कॉल डिटेल निकलवाई, तब नगला आशिक अली के भीमा का नाम सामने आया, जिसे 11 जनवरी को हिरासत में लिया गया। उसकी निशानदेही पर 13 जनवरी की रात अल्लाना मीट फैक्ट्री के पीछे खेत में दफन शव गड्ढा खोदकर बरामद किया गया। पूछताछ में भीमा ने बेवफाई के शक में हत्या करना बताया, जबकि छात्रा के परिजन 15 दिन पहले फब्तियां कसने का विरोध करने पर हत्या की बात कह रहे हैं।
मुकदमे में बढ़ाए जाएं नाम
छात्रा के परिजनों ने मुकदमे में नाम बढ़ाने की मांग की है। इस संबंध में सीओ प्रथम विशाल पांडेय को प्रार्थना पत्र दिया है, जिसमें भीमा के भाई मुकेश आदि को नामजद करने की मांग की गई है। परिजनों को जांच के आधार पर अग्रिम कार्रवाई का आश्वासन मिला है। भीमा पर हत्या, अपहरण, एससी-एसटी एक्ट की धाराएं लगाई गई हैं।
जांच में घिरे चौकी प्रभारी
घटना के दिन अभियुक्त को हिरासत में लेकर छोडऩे और प्रकरण में गंभीरता न दिखाने के आरोप शाहपुर कुतुब चौकी प्रभारी यासीन खां पर लगे हैं। एसएसपी आकाश कुलहरि ने मामले की जांच एसपी सिटी को सौंपी है। जांच में दोषी मिलने पर चौकी प्रभारी पर कार्रवाई तय है