अलीगढ़ में टिटबैक इंजेक्शन ब्लैक करने वाले मुनाफाखोरों की ऐसे हो रही बल्ले-बल्ले
दुर्घटना व लोहा लगने से जख्म होने के अलावा गर्भवतियों व बच्चों को लगने वाला टिटनेस का इंजेक्शन (टिटबैक) बाजार में नहीं मिल रहा है।
अलीगढ़ (जेएनएन)। दुर्घटना व लोहा लगने से जख्म होने के अलावा गर्भवतियों व बच्चों को लगने वाला टिटनेस का इंजेक्शन (टिटबैक) बाजार में नहीं मिल रहा है। गंभीर एलर्जी की बेटनासोल, घाव सुखाने की सेप्ट्रान व एंटिफंगल ग्र्रिसोविन टेबलेट भी बाजार से गायब हो रही हैं। दुकानदार शॉर्ट सप्लाई बताकर इन दवाओं की खूब कालाबाजारी कर रहे हैं।
सेप्टीसीमिया होने का खतरा हो जाता है कम
लकड़ी, लोहा या अन्य धातु से चोट लगने, घिसाव या जख्म होने, महिलाओं को गर्भधारण के दौरान तीन व सात-आठ माह व शिशुओं को चौथे माह पर टिटनेस से बचाव के लिए यह इंजेक्शन लगाया जाता है। इंजेक्शन लगने से मरीज को सेप्टीसीमिया होने का खतरा खत्म हो जाता है। घाव होने, गहरे घिसाव या जल जाने पर 24 घंटे के भीतर टिटनेस का इंजेक्शन लगवाना अनिवार्य है। बेटनासोल टेबलेट का इस्तेमाल गंभीर एलर्जी, ग्र्रिसोविन का इस्तेमाल बाल, त्वचा, नाखून आदि के दाद व सेप्ट्रान का इस्तेमाल जख्म सुखाने में होता है।
बाजार में किल्लत, ब्लैक में बिक्री
थोक बाजार में टिटबैक इंजेक्शन की कीमत छह रुपये तक है, मगर रिटेलर्स के यहां यही इंजेक्शन 15 रुपये में मिल रहा है। अन्य टेबलेट भी डेढ़ से दो रुपये की हैं, मगर कई गुना कीमत वसूली जा रही है।
रिटेलर्स ने जताया विरोध
अलीगढ़ रिटेलर्स केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन की बैठक प्रीमियर नगर कार्यालय पर अध्यक्षता अनुराग गुप्ता की अध्यक्षता में हुई। रिटेलर्स ने कहा कि औषधि विभाग की निष्क्रियता के चलते थोक बाजार में मनमाने मूल्यों पर दवाएं बेची व ब्लैक की जा रही हैं। टिटबैक, सेप्ट्रान, बेटनासोल, ग्र्रिसोविन समेत कई दवाएं मरीजों को दूने रेटों पर खरीदनी पड़ रही हैं। शहर में बहुत से दुकानदार बिना लाइसेंस के ही दवाएं बेच रहे हैं यदि शीघ्र निराकरण नहीं हुआ तो प्रतिनिधिमंडल जल्द डीएम व सहायक आयुक्त औषधि (विक्रय) को ज्ञापन सौंपेगा। इस मौके पर सत्येंद्र सारस्वत, रमेश रावत, अनिल गौड़, सुभाष कुमार, भुप्रकाश गुप्ता, विकास अग्रवाल, राज वर्मा, मशकूर अहमद मौजूद रहे।
सप्लाई घटने से हुई समस्या
केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष शैलेंद्र सिंह टिल्लू बाजार में एक ही कंपनी (बीई) के इंजेक्शन आ रहे हैं, जिसने सप्लाई घटा दी है। इससे समस्या हो रही है, ब्लैक में बेचने की बात संज्ञान में नहीं है।
कराएंगे जांच
औषधि निरीक्षक हेमेंद्र चौधरी का कहना है कि कुछ दवाएं महंगी बेचे जाने की शिकायत मिली है। जल्द गोपनीय तरीके से जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।