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अलीगढ़ में 6480 लोगों ने लगवाए कोरोना के टीके, मात्र एक संक्रमित मिला

पिछले दिनों फोकस सैंपलिग शुरू होते ही स्वास्थ्य विभाग व प्रशासन परेशान हो उठा था मगर बीते दो दिन राहत भरे रहे। गुरुवार को कोरोना वायरस संक्रमण के चार मरीज मिले थे शुक्रवार को एक ही मिला। सक्रिय मरीजों की संख्या 85 हो गई है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 19 Mar 2021 10:26 PM (IST)Updated: Fri, 19 Mar 2021 10:26 PM (IST)
अलीगढ़ में 6480 लोगों ने लगवाए कोरोना के टीके, 
मात्र एक संक्रमित मिला
अलीगढ़ में 6480 लोगों ने लगवाए कोरोना के टीके, मात्र एक संक्रमित मिला

जासं, अलीगढ़ : पिछले दिनों फोकस सैंपलिग शुरू होते ही स्वास्थ्य विभाग व प्रशासन परेशान हो उठा था, मगर बीते दो दिन राहत भरे रहे। गुरुवार को कोरोना वायरस संक्रमण के चार मरीज मिले थे, शुक्रवार को एक ही मिला। सक्रिय मरीजों की संख्या 85 हो गई है। अब तक कुल 11 हजार 544 संक्रमित पाए जा चुके हैं। इनमें से 11 हजार 402 स्वस्थ हो चुके हैं। संक्रमण दर बढ़ने से टीकाकरण दर ने भी गति पकड़ ली है। लोग डर से ही सही टीके लगवाने के लिए बेचैन दिखे। 8891 में से 6480 बीमार व बुजुर्गों ने टीके लगवाए। इनमें 6015 लोगों ने पहली डोज व 465 ने दूसरी डोज लगवाई। कुल 26 केंद्रों के 61 बूथों पर टीकाकरण हुआ था। पूर्व मंत्री व एमएलसी जयवीर सिंह ने भी टीका लगवाया। उन्होंने कहा कि यह टीका पूर्णत: सुरक्षित है। युवा व्यापारी को टीका लगने पर सवाल : शासन की गाइडलाइन के अनुसार तीसरे चरण में 45 साल या उससे अधिक आयु के गंभीर बीमार और 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के लोगों को ही टीका लगाया जा रहा है, शुक्रवार को इंटरनेट मीडिया पर शहर के एक युवा व्यापारी द्वारा अपना टीकाकरण का अपना फोटो डाउनलोड किए जाने पर विभाग में खलबली मच गई। युवा व्यापारी से संपर्क नहीं हो पाया। टीमों ने अपने कई केंद्र खगाले। अंत में नतीजा निकला कि युवा व्यापारी ने किसी निजी हास्पिटल में टीका लगवाया है, जिनकी संख्या शहर में 13 है। सीएमओ डा. बीपीएस कल्याणी ने बताया कि जांच शुरू करा दी है। निजी हास्पिटलों को टीके देने से पूर्व ही गाइडलाइन लिखित में दी गईं हैं, यदि किसी ने उल्लंघन किया है तो कार्रवाई होगी। शनिवार को इसकी जानकारी ली जाएगी। पाजिटिव रिपोर्ट या निगेटिव

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दीनदयाल अस्पताल में बुधवार को एंटीजन किट से जांच के दौरान 39 मामले सामने आए थे। इससे प्रबंधन में खलबली मच गई, लेकिन बाद में इन्हें संक्रमित मानने से इन्कार कर दिया गया। इस लेकर कर्मियों के बीच आपस में ही विवाद हो गया। सीेएमओ के अनुसार किट निकालते समय उसमें तीन लाइनें नजर आईं, जो निगेटिव रिपोर्ट को दर्शाती हैं। जिन लोगों के ये टेस्ट थे, सभी की आरटी-पीसीआर जांच कराई जा रही है।


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