यूपी विधानसभा चुनाव 2022 : रामलहर में 1991 में भाजपा का अलीगढ़ में पांच सीटों पर था कब्जा
सियासी सफर में भाजपा के लिए 1991 काफी मुफीद रहा। भाजपा की स्थापना के बाद सबसे अधिक सीटें इसी वर्ष आई थीं। हालांकि रामलहर थी। भाजपा ने जिले की पांच सीटों पर जीत दर्ज की थी। इससे पहले भाजपा को इतनी सीटें नहीं मिली थीं।
राज नारायण सिंह, अलीगढ़ । सियासी सफर में भाजपा के लिए 1991 काफी मुफीद रहा। भाजपा की स्थापना के बाद सबसे अधिक सीटें इसी वर्ष आई थीं। हालांकि, रामलहर थी। भाजपा ने जिले की पांच सीटों पर जीत दर्ज की थी। इससे पहले भाजपा को इतनी सीटें नहीं मिली थीं। इस चुनाव में भाजपा के खांटी हिंदुत्ववादी नेताओं ने जीत हासिल की थी। रामलहर का सबसे अधिक फायदा अलीगढ़ को हुआ था। कल्याण सिंह को सूबे की पहली बार कमान मिली थी। शेष दो सीटों पर जनता दल ने जीत दर्ज की थी।
भाजपा की स्थापना 1980 में हुई थी
भाजपा की स्थापना छह अप्रैल 1980 को हुई थी। उस समय पूरे देश में कांग्रेस की जड़ें काफी गहरी थीं। इसलिए भाजपा ने धीरे-धीरे पैर पसारने शुरू किए थे। इसी दौरान पूरे देश में राममंदिर आंदोलन व्यापकता ले चुका था। हर तरफ जयश्रीराम की गूंज थी। उस दौर में कल्याण सिंह के तेवर काफी तल्ख हुआ करते थे। श्रीराम मंदिर आंदोलन में उनकी एक हुंकार से ही रामभक्तों में जोश भर उठता था। इसलिए कल्याण सिंह की जनसभाओं के लिए काफी मांग रहती थी। 1991 के विधानासभा चुनाव में भाजपा की प्रदेश में पहली बार सरकार बनी। इसमें अलीगढ़ की माटी की बड़ी भूमिका थी। भाजपा ने पांच विधायकों को जीताकर सदन में भेजा था। प्रदेश की कमान पहली बार कल्याण सिंह को संभालने को मिली। पूरे देश में अलीगढ़ सुर्खियों में आ गया था। भाजपा से अतरौली विधानसभा क्षेत्र से कल्याण सिंह, गंगीरी से राम सिंह, शहर से कृष्ण कुमार नवमान, कोल से किशन लाल दिलेर और खैर विधानसभा क्षेत्र से चौधरी महेंद्र सिंह ने जीत दर्ज की थी। पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के साथ ही कृष्ण कुमार नवमान और किशन लाल दिलेर की छवि खांटी हिंदुत्ववादी नेताओं के रूप में जानी जाती थी। राम मंदिर आंदोलन में नवमान और दिलेर की भी बड़ी भूमिका रही थी। इसलिए 1991 का वर्ष भाजपा के लिए काफी अच्छा माना जा सकता है।
दो सीटों पर मिली थी हार
भले ही 1991 में रामलहर हो, मगर भाजपा दो सीटें जीत नहीं सकी थी। इगलास विधानसभा क्षेत्र में जनता दल की ज्ञानवती सिंह ने भाजपा के विक्रम सिंह हिंडोल और बरौली में जनता दल के ठा. दलवीर सिंह ने भाजपा के यशपाल सिंह चौहान को मात दी थी। 1993 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने चार सीटों पर जीत दर्ज कर सकी थी। भाजपा के हाथ से गंगीरी खिसक गई थी। भाजपा से राम सिंह हार गए थे। इस सीट से समाजवादी पार्टी के वीरेश यादव ने जीत दर्ज की थी। भाजपा से शहर से केके नवमान, काेल से किशन लाल दिलेर और बरौली से मुनीष गौड़ ने जीत दर्ज की थी। अतरौली से पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने विजय अभियान जारी रखा था।
1991 के चुनाव की भाजपा की स्थिति
सीट-जीते वोट -हारे- वोट
अतरौली-कल्याण सिंह-58640-अनवार खान-31263
शहर-कृष्ण कुमार नवमान-52670-मो. सूफियान-46249
गंगीरी-राम सिंह-30319-वीरेश यादव-24419
कोल- किशन लाल दिलेर-52800-फूल सिंह-22992
खैर-चौ. महेंद्र सिंह-33736-जगवीर सिंह-28344
1991 जनता दल की स्थिति
सीट- जीते- वोट- हारे- वोट
इगलास-ज्ञानवती सिंह-27315-विक्रम सिंह हिंडोल-24899
बरौली-दलवीर सिंह-39523-यशपाल सिंह-23139