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रूस-यूक्रेन युद्ध की मार से आयात-निर्यात पर पड़ रहा असर

रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध का असर भारत में कारोबार पर भी पड़ रहा है। अलीगढ़ निर्मित ताला-हार्डवेयर पीतल मूर्ति व बिल्डिंग आयरन फिटिंग्स का निर्यात नहीं हो पा रहा है। रूस से आयरन व पीतल की स्क्रेप व लकड़ी का आयात नहीं हो रहा है।

By Aqib KhanEdited By: Published: Mon, 23 May 2022 08:24 PM (IST)Updated: Mon, 23 May 2022 08:24 PM (IST)
रूस-यूक्रेन युद्ध की मार से आयात-निर्यात पर पड़ रहा असर

अलीगढ़, मनोज जादौन: चार महीने से रूस-यूक्रेन में चल रहे भीषण युद्ध का असर कारोबार पर भी पड़ रहा है। आयात व निर्यात बुरी तरह प्रभावित है। काला सागर में युद्ध पोत तैनात हैं। दूसरे रास्तों से भी पानी के जहाज कंटेनर लेकर नहीं आ पा रहे हैं। अलीगढ़ निर्मित ताला-हार्डवेयर, पीतल मूर्ति व बिङ्क्षल्डग आयरन फिङ्क्षटग्स का निर्यात नहीं हो पा रहा है। रूस से आयरन व पीतल की स्क्रेप व लकड़ी का आयात नहीं हो रहा है। नए आर्डर मिल नहीं रहे। पुरानों का भुगतान कराने में कारोबारी पसीना छोड़ रहे हैं। जिले के 30 निर्यातकों का 100 करोड़ रुपये का सालाना कारोबार था, जो अब आधा भी नहीं रह गया है।

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ताला-हार्डवेयर व पीतल मूर्ति, बिङ्क्षल्डग फिटिंग्स का अलीगढ़ में निर्माण होता है। 24 फरवरी से रूस-यूक्रेन में भीषण युद्ध चल रहा है। समुद्र के रास्तों में भी फौज है। इसके चलते भारतीय कारोबारियों के कंटेनर रास्तों में फंसे हुए हैं। रूस व उसके आसपास के देशों तक माल नहीं पहुंच पा रहा है। कारोबारियों की पीतल व आयरन की स्क्रेप आ नहीं रही। निर्यातकों का कहना है कि आर्थिक प्रतिबंधों से भुगतान की समस्या हो रही थी। लेकिन, अब भुगतान तो हो रहा है, मगर समय लग रहा है। रूस के कारोबारी नए आर्डर देने के लिए तैयार नहीं हैं। युद्ध प्रभावित देशों में आमजन की खाद्यान्न, दवा पहली प्राथमिकता है।

दहशत पैदा कर रहे यूरोपीय देश

अमेरिका सहित अन्य यूरोपीय देश रूस व उसके आसपास के देशों से व्यापार करने वाले निर्यातकों में प्रतिबंधों से डर पैदा कर रहे हैं।

रूस में हमारे माल की सप्लाई होती है। युद्ध की शुरुआत होते ही समुद्री रास्तों पर सेना तैनात कर दीं गईं। इससे पानी के जहाज फंस गए। अभी रास्ता साफ नहीं हुआ है। -राकेश अग्रवाल, निर्यातक

रूस से अलीगढ़ निर्मित उत्पाद के निर्यात के साथ आयरन व पीतल की स्क्रेप का आयात भी होता है। युद्ध से आयात निर्यात प्रभावित हैं। आर्डर तो हैं, मगर माल नहीं पहुंच रहा। -राजीव प्रभाकर, निर्यातक


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