प्रशासक नियुक्त किए तो विरोध का बिगुल फूकेंगे प्रधान व ब्लॉक प्रमुख Aligarh news
प्रतिनिधियों का कहना है कि यह त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था के खिलाफ है। इसमें प्रतिनिधि व सरकारी अधिकारी को बराबर अधिकार दिए हैं।
अलीगढ़, [जेएनएन] । त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों का समय पूरा होने पर उनकी जगह प्रशासक नियुक्त होने की खबरों को लेकर प्रधान व ब्लॉक प्रमुखों ने विरोध का बिगुल फूंकने की तैयारी कर ली है। प्रतिनिधियों का कहना है कि यह त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था के खिलाफ है। इसमें प्रतिनिधि व सरकारी अधिकारी को बराबर अधिकार दिए हैं। ऐसे में अगर चुनाव आगे बढ़ते हैं तो प्रतिनिधियों का कार्यकाल भी आगे बढ़ाया जाए।
चल रहा अंतिम चरण
2015 में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव हुए थे। ऐसे में अब इस साल चुने गए प्रतिनधियों का कार्यकाल का अंतिम चरण चल रहा है, लेकिन कोरोना काल के चलते निर्वाचन विभाग अब तक आगमी चुनावों की तैयारी तक शुरू नहीं कर पाया है। न तो अभी परिसीमन पर कोई बात हो रही है और न ही मतदाता सूची पुनरीक्षण में हैं। जबकि, हर बार चुनाव से छह से नौ महीने पहले ही इनकी शुरुआत हो जाती है। हालांकि, चर्चा है कि शासन स्तर पर चुनाव को छह महीने आगे बढ़ाकर प्रशासक नियुक्त करने की तैयारी है। हालांकि इस पर अंतिम मुहर नहीं लगी है, लेकिन मौजूदा प्रतिनिधियों ने विरोध शुरू कर दिया है।
इस तरह पूरा हो रहा कार्यकाल
पद, तिथि,
ग्राम प्रधान, 26 दिसंबर
क्षेत्र पंचायत सदस्य, 2 मार्च
जिला पंचायत सदस्य, 15 जनवरी
कुल पंचायत, 887
कुल जिला पंचायत सदस्य, 52
कुल क्षेत्र पंचायत सदस्य, 1054
ब्लॉक प्रमुख, 12
फैसले के विरोध की तैयारी
सत्येंद्र सिंह, प्रधान खिजरपुर देवपुर का कहना है कि हम पहले से ही इस फैसले के विरोध की तैयारी में हैं। गांव की जनता समस्या लेकर प्रधान के पास आती है न कि सचिव के पास। अर्जुन सिंह भोलू, प्रदेश उपाध्यक्ष, अखिल भारतीय पंचायत परिषद का कहना है कि प्रधान को गांव की हर समस्या के बारे में पूरी जानकारी होती है। ऐसे में सरकार को प्रधानों का कार्यकाल भी आगे बढ़ाना चाहिए। इससे ही गांव का विकास होगा। बच्चू सिंह, प्रधान अललपुर अगर सरकार चुनाव आगे बढ़ाकर प्रशासक नियुक्त करती है तो सभी प्रधान इसका पुरजोर विरोध करेंगे। यह प्रधानों के अधिकारों का हनन है। गिरीश यादव, ब्लॉक प्रमुख का कहना है कि प्रधान संगठन पंचायती राज व्यवस्था में प्रतिनिधि व सरकारी अधिकारी को समान अधिकार दिए हैं। ऐसे में अगर प्रतिनिधियों को हटाकर प्रशासन नियुक्त होते हैं तो यह इस व्यवस्था का अपमान है। मनोज सिंह, अध्यक्ष जवां ब्लॉक का कहना है कि सरकार कार्यकाल आगे न बढ़ाकर समय पर चुनाव कराए। यह गांव के विकास के लिए बेहद जरूरी है। प्रशासक नियुक्त होने से समस्याएं और बढ़ जाएंगे। केहर सिंह राजपूत, अध्यक्ष ब्लॉक प्रमुख संगठन अलीगढ़ का कहना है कि लोधा अभी प्रस्ताव पर चर्चा हो रही हैं। उम्मीद है कि योगी सरकार इस पर मुहर नहीं लगाएगी। यह प्रतिनिधियों के अधिकारों के खिलाफ है। पूरे प्रदेश के ब्लॉक प्रमुख इसका विरोध करेंगे।
कागजों का पहला ट्रक आया पंचायत चुनाव को लेकर अब तक निर्वाचन आयोग की सुस्त रफ्तार है। अब तक महज चुनाव से जुड़ी स्टेशनरी का एक ट्रक ही अलीगढ़ पहुंचा है। शनिवार को यह ट्रक लखनऊ से यहां आया। इससे निर्वाचन कार्यालय में रखवाया गया है। सहायक निर्वाचन अधिकारी कौशल कुमार ने इसकी पुष्टि की है।