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Indo Pak Partition Reality : भारत-पाक विभाजन के समय रेलवे ने किस तरह निभाई अहम भूमिका, रेलवे की प्रदर्शनी में दिखी हकीकत

14 अगस्त के दिन 75 साल पहले अखंड भारत के दो टुकड़े हुए थे। विभाजन की विभीषिका का उस समय भार रेलवे ने भी उठाया था। आजादी के अमृत महोत्सव के तहत विभाजन की इस विभीषिका को स्मृति दिवस के रूप में रेलवे स्टेशन पर प्रदर्शनी लगाई गई है।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Published: Fri, 12 Aug 2022 01:33 PM (IST)Updated: Fri, 12 Aug 2022 01:33 PM (IST)
Indo Pak Partition Reality : भारत-पाक विभाजन के समय रेलवे ने किस तरह निभाई अहम भूमिका, रेलवे की प्रदर्शनी में दिखी हकीकत
प्रर्दशनी में ट्रेन पकड़ने की जिद्दोजहद और जीवन के लिए संघर्ष दिखाई देता है।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता। 14 अगस्त के दिन 75 साल पहले अखंड भारत के दो टुकड़े हुए थे। विभाजन की यह विभीषिका लाखों शरणार्थियों ने झेली है। उस समय विभाजन का भार रेलवे ने भी उठाया है। आजादी के अमृत महोत्सव के तहत विभाजन की इस विभीषिका को स्मृति दिवस के रूप में मनाने के लिए प्रयागराज मंडल की ओर से रेलवे स्टेशन पर प्रदर्शनी लगाई गई है। इस प्रदर्शनी में जिंदगी की नई शुरुआत की उम्मीद में आखिरी ट्रेन पकड़ने की जिद्दोजहद और जीवन के लिए संघर्ष दिखाई देता है। उस समय की इन तस्वीरों देखकर आज भी मन विचलित होता है। यह प्रदर्शनी 14 अगस्त तक चलेगी।

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पीएम मोदी का ट्वीट भी शामिल

आजादी के समय जो बंटवारा हुआ था, उस समय पाकिस्तान से ट्रेनों में लोग कैसे भारत पहुंचे थे। उस समय के चित्र ब्लैक एंड व्हाइट फोटो से दिखाया गया है। विभाजन की विभीषिका स्मृति दिवस 14 अगस्त प्रदर्शनी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ट्वीट कर दिया गया संदेश भी दिखाया गया है। किस तरह पैसेंजर ट्रेनों के इंजन के आगे और बोगियों के बीच बैठकर, खिड़कियों पर लटकर और छतों पर बैठकर महिलाएं, बुजुर्ग व बच्चे आए। उनके साथ सामान भी था।

सिर पर सामान रखकर पहुंचे रेलवे स्‍टेशन

स्टेशन तक पहुंचने के लिए सिर पर सामान रखकर कई किलोमीटर तक सफर किया। ट्रेन निकल गई तो घंटों इंतजार करना पड़ा। भूखे प्यासे जहां के तहां सो गए। छुक-छुक करती कोयले से चलने वाली ट्रेन में पंजाब से दिल्ली और उससे आगे तक सफर जैसे तैसे पूरा किया। उत्तर मध्य रेलवे के प्रयागराज मंडल द्वारा अलीगढ़ सहित सोनभद्र, मिर्ज़ापुर, प्रयागराज, फतेहपुर, कानपुर, इटावा, एटा, मैनपुरी, टूंडला, फिरोजाबाद, हाथरस को चयनित किया गया था। पांच दिवसीय इस प्रदर्शनी की शुरुआत दस अगस्त को की गई थी।

विभाजन विभीषिका बता रही हाथरस जंक्शन स्टेशन पर लगी प्रदर्शनी

हाथरस : विभाजन की विभीषिका स्मृति दिवस के उपलक्ष्य में उत्तर-मध्य रेलवे के हाथरस जंक्शन स्टेशन पर चित्रों की प्रदर्शनी लगाई गई है। यह प्रदर्शनी 14 अगस्त तक लोगों को विभाजन की विभीषिका के बारे में चित्रों के माध्यम से जानकारी दे रही है।

प्रदर्शनी से किया जागरूक

उत्तर मध्य रेलवे के प्रयागराज मंडल द्वारा आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में 14 अगस्त को देश भर में विभाजन की विभीषिका को स्मृति दिवस के तौर पर याद किया जा रहा है। मंडल के अधिकारियों ने इसके लिए मंडल के हाथरस, सोनभद्र, मिर्ज़ापुर, प्रयागराज, फतेहपुर, कानपुर, इटावा, एटा, मैनपुरी, टूंडला, फिरोजाबाद, अलीगढ़ को चयनित किया है। इसके तहत हाथरस जंक्शन स्टेशन पर 10 से 14 अगस्त तक विभाजन विभीषिका के संबंध में चित्र प्रदर्शनी लगाई गई है। इसका शुभारंभ वरिष्ठ नागरिक से कराया गया। स्टेशन अधीक्षक पवन कुमार ने बताया कि चित्र प्रदर्शनी के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है।


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