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Make Small Strong : कोरोना काल में होम डिलेवरी सेवाएं दे खुशियों में लगाए चार चांद Aligarh News

कोरोना संकट। भला इससे कौन प्रभावित न हुआ। अनलॉक वन में लोग सहमे हुए थे। ऐसे में मायूस चेहरों पर खुशियां बिखेरने के लिए युक्ति हर घर में तलाशी जा रही थी। हालात कैसे भी हों पर समय की रफ्तार नहीं रुकती।

By Sandeep SaxenaEdited By: Published: Tue, 20 Oct 2020 08:20 AM (IST)Updated: Tue, 20 Oct 2020 12:24 PM (IST)
Make Small Strong : कोरोना काल में होम डिलेवरी सेवाएं दे खुशियों में लगाए चार चांद Aligarh News
खुशियों में चार चांद लगाए रामघाट रोड स्थित कुंजीलाल दाल सेब व स्वीट्स सेंटर ने

अलीगढ़, जेएनएन। कोरोना संकट। भला इससे कौन प्रभावित न हुआ। अनलॉक वन में लोग सहमे हुए थे। ऐसे में मायूस चेहरों पर खुशियां बिखेरने के लिए युक्ति हर घर में तलाशी जा रही थी। हालात कैसे भी हों, पर समय की रफ्तार नहीं रुकती। इस बीच लोगों के बर्थ डे हुए, तो किसी के घर पहली संतान के रूप में बेटा- बेटी आईं। बुजुर्ग मां बाप की शादी की सालगिरह आईं तो किसी बेटी ने शादी के बाद ससुराल में पहला जन्मदिन मनाया। इन खुशियों में चार चांद लगाए रामघाट रोड स्थित कुंजीलाल दाल सेब व स्वीट्स सेंटर ने। बदले हालातों में कुछ नया अपनाकर कारोबार की सोच ने शहर के इस प्रतिष्ठित सेंटर को तेजी से कोरोना काल से उबारा है।

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अनलॉक में था बाजार में सन्‍नाटा

अनलॉक वन होने पर भी बाजारों में सन्नाटा था। ऐसे में कुंजीलाल दाल सेब व स्वीट्स

 सेंटर के संचालक सुमित गोयल व मुदित गोयल ने ऑन लाइन बुकिंग व होम डिलीवरी की सेवाएं दी। उन्होंने कारोबार को 10 साल पहले ही आधुनिकता से जोड़ लिया था। ऑन लाइन सर्विस देने वाली नेशनल व मल्टीनेशनल कंपनियों के साथ करार भी है।  खुद के वेब पोर्टल पर स्वीट््स, नमकीन व बेकरी की व्यंजन की आकर्षित तस्वीर व रेट लिस्ट लोड कर रखी थीं। इसका लाभ मिला। शुरूआत पचास बुकिंग से हुई, जो कि बाद में दो सौ तक पहुंच गईं। सावधानी का खास ख्याल रखा। सरकार की गाइड लाइन का पालन किया। संक्रमण से बचाव के सभी संसाधनों का उपयोग किया गया। आवश्यक सेवाओं में ढील मिलने पर सेंटर के संचालकों ने नफा-नुकसान से ज्यादा 73 साल से बना आ रहा ग्राहकों का विश्वास को कायम रखने पर ध्यान दिया। वैरायटी घटाई गईं और पैकिंग पर 35 फीसद तक खर्च बढ़ाया गया।  

 लॉकडाउन में नफा-नुकसान की चिंता नहीं थी। विश्वास बनाए रखने की चिंता था। व्यंजनों की वैरायटी घटा कर क्वालिटी और पैकिंग पर अधिक ध्यान रखा। ग्राहकों की सेहत के साथ चिंता खुद की साख की थी।

- सुमित गोयल, मालिक कुंजीलाल

 भैया सुमित ने डिलीवरी की व्यवस्था की कमान संभाली थी। मैं कारीगरों के साथ रहा। उनका टेंप्रेचर से लेकर पीपी किट पहनने तक सावधानी रखी जाती। पैकिंग के दौरान सेनिटाइजर की व्यवस्था की गई थी।

- मुदित गोयल, मालिक, कुंजीलाल

 गांधी जी ने खोला लाला कुंजीलाल की किस्मत का ताला

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जब देश की आजादी के लिए शहर- शहर व गांव -गांव जाकर बिगुल फूंक रहे थे, तब ऐसे भी लोग थे, जो रोजगार की तलाश में थे। अलीगढ़ के शाहपाड़ा निवासी लाला कुंजीलाल भी उन्ही में से एक थे। गांधीजी हरदुआगंज में रैली संबोधित करने आए थे। उस समय बापू ने स्वदेशी का जोर देते हुए सूत कताई को बढ़ावा दिया। कुंजीलाल के पिता व भाई भी कताई का काम करते थे। बापू से जुड़ाव था। घर के सदस्य बापू के भाषण सुनने के लिए गए। मगर कुंजीलाल ने मां के साथ मिलकर बेसन के लड्डू बनाए और रैली स्थल पर अस्थाई दुकान लगाकर बेचे। परिजनों को जब इसकी जानकारी हुई तो नाराज हुए और कुंजीलाल का तिरस्कार कर दिया। कुंजलाल ने एक ढकेल तैयार की। जिस पर देसी घी से निर्मित मिठाई व नमकीन रख शाह पाड़ा से सर्राफा बाजार, महावीर गंज तक बेसन के लड्डू, दाल सेब के साथ दालमौठ बचना शुरू किया। चार साल में ही नमकीन का ऐसा फार्मूला तैयार किया जिसका आजतक तोड़ नहीं है। बाद में फूल चौराहे पर दुकान खोल दी।

 काजू की बर्फी के हैं जनक

लाला कुंजीलाल के दो बेटे थे। पूरन चंद व हरिश चंद्र। पूरन चंद्र के चार बेटे थे। इनमें अनिल कुमार गोयल ने वर्ष 1980 में मिठाई के कारोबार को आधुनिकता से जोड़ा। कलकत्ता की मशहूर  काजू बर्फी बनाना शुरू किया। अनिल के बेटे सुमित गोयल ने सेंटर प्वाइंट पर वर्ष 2000 में शोरूम स्थापित किया।  2017 में विद्या नगर में कुंजीलाल की तीसरी प्रतिष्ठान खोली गई। यह शहर का मिठाई व नमकीन क्षेत्र में पहला बहुमंजिला शोरूम है।

 कुंजीलाल की नमकीन व मिठाई  60 साल से खरीद रहा हूं। उपहार में भी यही देता हूं। सभी इनके व्यंजनों का स्वाद याद रखते हैं।

- सुभाष हरकुट, हरकुट टिन उद्योग

 शुद्धता व स्वाद में बेमिसाल कुंजीलाल लाल स्वीट्स, नमकीन व बेकरी में बड़ा नाम है। कपूर परिवार के बेटी प्रीती कपूर वाड्रा शहर के प्रमुख उद्योगपति धनजीत वाड्रा की पत्नी हैं। इसलिए पिछले तीन दशक से कुंजीलाल की मिठाई, नमकीन व बेकरी अक्सर भेजती हैं। पृथ्वीराज कपूर परिवार से ताल्लुक रखती हूं। जब भी मुंंबई जाना होता, मायके के लिए मिठाई ले जाने की रवायत निभाती।

- प्रीति वाड्रा, समाजसेवी


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