अलीगढ़ के देवी मंदिरों की ब्रज में अलग ही है पहचान
अलीगढ़ : अलीगढ़ में ऐसे कई देवी मंदिर हैं, जिनके प्रति कई प्रदेशों तक के लोगों में आस्था है।
अलीगढ़ : अलीगढ़ में ऐसे कई देवी मंदिर हैं, जिनके प्रति कई प्रदेशों तक के लोगों में आस्था है। इन मंदिरों की ब्रज क्षेत्र में अलग पहचान है। इन्हीं में अतरौली के पालीमुकीमपुर रोड स्थित खेरेश्वर चामुंडा मंदिर भी शामिल है। यह पूरे क्षेत्र के श्रद्धालुओं का आस्था का केंद्र है। चामुंडा मंदिर में नगर समेत क्षेत्र के तमाम गांव से श्रद्धालु माता रानी के दर्शन करने के लिए आते हैं। नवरात्रि के दिनों दुर्गा महिला मंडल समेत कई मंडल सुबह और शाम भजन संध्या करते हैं। नवरात्र के दौरान माता के मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहता है। इस मंदिर का इतिहास चार सौ वर्ष पुराना है। माता रानी की प्रतिमा रोड किनारे पीपल के विशाल वृक्ष के निकट खुदाई करने के दौरान निकली थी। प्रतिमा के निकलने के बाद वहां खुदाई बंद कर माता रानी की प्रतिमा वहीं लगा दी गई और श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना शुरू कर दी। आज माता रानी का यह दरबार पूरे क्षेत्र में विख्यात है। इस मंदिर में प्रतिदिन भक्तों की भीड़ रहती है, मगर नवरात्रों के दौरान मंदिर पर भक्तों की लंबी कतारें लग जाती हैं। श्रद्धालु मंदिर पर पहुंचकर भंडारे आदि का आयोजन कर प्रसाद वितरित करते हैं। भक्तों द्वारा माता रानी से की गई मनोकामनाएं पूरी होती हैं। मंदिर के पुजारी विजय स्वरूप सक्सेना का कहना है कि पिछले कई सालों से माता रानी के मंदिर की देखरेख कर रहा हूं। दूर दराज से माता के दर्शन के लिए आए तमाम भक्तों की मनोकामना पूरी होती मैंने देखी है। श्रद्धालु विकास पुंढीर ने बताया कि वर्षो पुराने मंदिर में माता के दर्शन के लिए मैं और मेरा परिवार पूजा अर्चना के लिए आता है। माता के आशीर्वाद से उनके परिवार में खुशियां ही खुशियां हैं।