जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : अच्छे मसल्स, बॉडी व वजन बढ़ाने के लिए युवा प्रोटीन पाउडर का खूब इस्तेमाल कर रहे हैं। वर्कआउट के लिए जिम जाने वाले युवाओं को ट्रेनर भी पाउडर इस्तेमाल करने की न केवल सलाह देते हैं, बल्कि कई जिम को प्रोटीन पाउडर व अन्य सप्लीमेंट का गोदाम बना दिया है। पिछले तीन साल में इसकी मांग दोगुनी और हर माह खपत 20 लाख रुपये तक पहुंच गई है। डाक्टरों का कहना है कि प्रोटीन पाउडर युवाओं के शरीर को खोखला कर रहा है। मसल्स व बॉडी बनाने के चक्कर में उन्हें जीवन से भी हाथ धोना पड़ सकता है।
मेरठ से सप्लाई : जिला केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष शैलेंद्र सिंह टिल्लू ने बताया कि युवाओं में बढ़ते बॉडी के क्रेज के कारण डायट्री सप्लीमेंट की बिक्री बढ़ी है। खरीदने वाले ग्राहकों में 90 फीसद युवा होते हैं। तीन साल में दोगुनी से ज्यादा मांग बढ़ी है। एक अनुमान के मुताबिक जिले में हर माह 20 लाख रुपये से ज्यादा का प्रोटीन पाउडर खप जाता है। पाउडर को ज्यादातर जिम संचालक मेरठ से सीधे मंगा रहे हैं। वहां प्रोटीन पाउडर का बड़ा कारोबार है। ऑनलाइन खरीद भी होने लगी है। यह 300 से 400 रुपये प्रति पैकेट मिलता है। टिल्लू ने युवाओं से इस पाउडर से तौबा करने का आह्वान किया है।
हानिकारक है पाउडर : जिला अस्पताल के फिजीशियन व पूर्व सीएमएस डॉ. बाल किशन के अनुसार मांसपेशियों के निर्माण व ताकत बढ़ाने के लिए प्रोटीन की जरूरत होती है। संतुलित आहार, वर्कआउट, योग व व्यायाम इसके बेहतर उपाय हैं। यह करने की बजाय युवा एलक्लोइड (स्टेरायड आदि) युक्त प्रोटीन पाउडर का सेवन कर रहे हैं, जो शरीर में मेटाबालिज्म पर तेजी से असर करता है। भूख ज्यादा लगती है, शरीर कार्बोहाइड्रेट की मांग करने लगता है। इससे फैट तो बढ़ता है, मगर किडनी, हार्ट, ब्रेन, हार्मोन्स पर असर पड़ने लगता है। गांठ बन सकती हैं। कैंसर का जोखिम बढ़ता है। पेट व आंतों को नुकसान होता है।
150 से ज्यादा जिम : एक अनुमान के मुताबिक जिलेभर में करीब 125 जिम हैं। इनमें से कई ऐसे हैं, जहां संचालक ऊपरी कमाई के लिए प्रोटीन के नाम पर स्टेरायड पाडर, इंजेक्शन व दवाएं बेच रहे हैं। इसके लिए संबंधित विभागों से अनुमति भी नहीं ली गई है। जीएसटी के दायरे में आने के बावजूद कई जिम व फिटनेस सेंटर पंजीकृत भी नहीं हैं।
प्राकृतिक विकल्प मौजूद : राजकीय आयुर्वेदिक अस्पताल के प्रभारी डॉ. धर्मदत्त गौड़ का कहना है कि फैट व वजन बढ़ाने के लिए प्राकृतिक उपाय उपलब्ध हैं। युवा अश्वगंधा, सिंघाड़ा, बिदारीबंद, सतावरी, विधारा, दूध, पनीर, सोयाबीन, ड्राईफ्रूट्स, केले आदि के सेवन व योग-व्यायाम करके वजन बढ़ा सकते हैं। ....
अकरम के गायब होने से खलबली : भुजपुरा के युवक अकरम की दोनों किडनी ऐसे ही स्टेरायड खाने से खराब हो चुकी हैं। लंबे समय से इलाज चल रहा है। बताते हैं कि वह खुद को परिवार पर बोझ मानते हुए सप्ताहभर पहले घर से निकल गया था, जिसका आज तक पता नहीं चला है। हालांकि, किडनी ट्रांसप्लांट के लिए अकरम या परिजनों की तरफ से कोई आवेदन आने से स्वास्थ्य विभाग ने इन्कार किया है। राज्य आरोग्य निधि के नोडल अधिकारी डॉ. राहुल कुलश्रेष्ठ ने बताया कि अकरम की तरफ से कोई आवेदन नहीं मिला है।
यदि किडनी ट्रांसप्लांट जैसे मामला होता है तो राज्य आरोग्य निधि या मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से 3.50 लाख रुपये या इससे अधिक मदद की जाती है। अकरम से संबंधित कोई आवेदन नहीं मिला।
डॉ. एमएल अग्रवाल, सीएमओ